उत्तराखंड में उत्साह के साँथ मनाया सुख-समृद्धि व हरियाली का पर्व हरेला- सीएम धामी ने वृक्षारोपण कर प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं कहा- इस बार ग्रीम कावड़ यात्रा के तहत शिवभक्त भी करेंगे वृक्षारोपण,वन विभाग उपलब्ध करायेगा पौंधे

उत्तराखंड में उत्साह के साँथ मनाया सुख-समृद्धि व हरियाली का पर्व हरेला- सीएम धामी ने वृक्षारोपण कर प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं कहा- इस बार ग्रीम कावड़ यात्रा के तहत शिवभक्त भी करेंगे वृक्षारोपण,वन विभाग उपलब्ध करायेगा पौंधे

रिपोर्ट- देहरादून ब्यूरो
देहरादून- सुख-समृद्धि और हरियाली का लोक पर्व हरेला को लेकर पूरे उत्तराखंड में उत्साह देखने को मिल रहा है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी हरेला पर्व के अवसर पर वृक्षारोपण कर जहां प्रदेशवासियों को वृक्षारोपण करने की अपील की है।
उत्तराखंड में हरेला पर्व एक पर्व न होकर वृक्षारोपण को लेकर एक अभियान के रूप में लिया जा रहा है पिछले कई सालों से हरेला पर्व पर प्रदेशभर में लाखों पेड़ लगाए जाते हैं इस साल भी हरेला पर्व को लेकर वन विभाग के द्वारा लाखों पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
उत्तराखंड में हरेला पर्व व्यापक रूप से मनाने का श्रेय जहां पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को जाता है तो वहीं हरेला पर्व पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का श्रेय पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को जाता है जिन्होंने हरेला पर्व पर सार्वजनिक अवकाश घोषित कर 16 जुलाई को व्यापक रूप से प्रदेश में वृक्षारोपण अभियान चलाने की मुहिम को शुरू किया तो वही अब धामी सरकार भी व्यापक रूप से हरेला पर्व मना रही है जिसके तहत प्रदेश में 15 लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य इस वर्ष रखा गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरेला पर्व पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए मनसे हरेला पर्व पर पेड़ लगाने की अपील प्रदेशवासियों से की ताकि जो पेड़ कोई भी आदमी लगाएं तो वह उसकी रेख देख भी कर सकें साथ ही सीएम का कहना है कि ग्रीन कावड़ यात्रा के तहत इस बार शिव भक्त में भी वृक्षारोपण करेंगे जिन्हें वन वन विभाग पौधे उपलब्ध कराएगा।
उत्तराखंड पहले से ही प्राकृतिक संरक्षण के लिए जाना जाता है लेकिन जिस तरीके से विकास के लिए कुछ प्राकृतिक असंतुलन भी हुआ है उसको देखते हुए सरकार का लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा मात्रा में उत्तराखंड में वृक्षारोपण किया जाए ताकि जो असंतुलन प्रकृति के साथ हुआ है उसे संतुलित किया जाए और उत्तराखंड प्राकृतिक संरक्षण के लिए हमेशा के लिए पहचान बनाए रखें इसीलिए हरेला पर्व को व्यापक रूप से मनाने की सरकार की कोशिश है।

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