खुशखबरी:- धामी सरकार करायेगी विश्व के पाँचों महाद्वीप के वन्यजीवों का दीदार- हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र में पाँचों महाद्वीप के वन्यजीवों के लिये सफारी बनाने की तैयारी- वन्यजीव संरक्षण में सरकार का बड़ा कदम

खुशखबरी:- धामी सरकार करायेगी विश्व के पाँचों महाद्वीप के वन्यजीवों का दीदार- हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र में पाँचों महाद्वीप के वन्यजीवों के लिये सफारी बनाने की तैयारी- वन्यजीव संरक्षण में सरकार का बड़ा कदम

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- मोदी सरकार के वन्यजीव संरक्षण में उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार भी क़दमताल कर रही हैं।
कुमाऊँ के प्रवेश द्वार हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र में पाँचों महाद्वीप के वन्यजीवों के लिए सफ़ारी बनाने जा रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर भारत में पहली बार किसी चिड़ियाघर में विश्व के पाँच महाद्वीप जैसे अफ़्रीका, ऑस्ट्रेलिया, युरोप , अमेरिका व एशिया में पाये जाने वाले वन्यजीवों के लिए विशेष बाड़ों का निर्माण किया जायेगा जिसके लिए भारत के चिड़ियाघर प्राधिकरण से मंज़ूरी मिल गई हैं ।
सेंट्रल जू अथारिटी और अन्य केंद्रीय एजेंसियों से कोई अनुमति नहीं ली थी ये योजना अब उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार ने कुमाऊँ के प्रवेश द्वार के विकास के लिए ठंडे बस्ते से बाहर निकाल कर इस पर केंद्रीय अनुमतियां लेने का काम पूरा करवा लिया है।

गौलापार जू के पास ही वन्य जीव हॉस्पिटल व वाइल्डलाइफ़ रेस्क्यू सेंटर भी प्रस्तावित है जिसके लिए केंद्र सरकार से बीस करोड़ से ज्यादा की रकम भी जारी की हुई है ये योजना भी सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर फाइलों से बाहर निकाली जा रही है।
जानकारी के मुताबिक केंद्र में पिछली 28 नवंबर की बैठक में उत्तराखंड वन्यजीव अस्पताल संबधी हर बाधा को दूर करते हुए इसका मास्टर प्लान स्वीकार करते हुए अनुमति पत्र जारी कर दिया है।
गौलापार क्षेत्र में वन्य जीव अस्पताल / रेस्क्यू सेंटर में बाघ, तेंदुए, गिद्ध और अन्य दुर्लभ वन्य जीवों के संरक्षण और स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी कार्य योजना तैयार की गई थी ये योजना फाइलों में ही घूम रही थी।

सीएम धामी ने पिछली वन्य जीव बोर्ड की बैठक में इस बारे में वन अधिकारियो का जवाब तलब करते हुए उन्हे निर्देशित किया था।
पिछले दिनों हाथियों की इलाज के अभाव में मौत, बाघ तेंदुए और भालू के इंसानों पर हमले किए जाने की घटनाएं बढ़ने पर मुख्यमंत्री धामी ने एक बार फॉरेस्ट अधिकारियो की क्लास ली थी।
उन्होंने कहा था कि केंद्रीय योजना पर काम पूरा किया जाए।
मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव वन आर के सुधांशु और वन विभाग के प्रमुख अनूप मलिक को निर्देशित किया था कि ” मुझे इस पर सिर्फ़ ओर सिर्फ़ रिजल्ट चाहिए”।
जिसके बाद विभागीय स्तर पर इसकी प्रोजेक्ट फाइल को बाहर निकाला गया।
300 हैक्टेयर में बनेगा जू और वाइल्डलाइफ हॉस्पिटल:
जानकारी के अनुसार प्रस्तावित वन्य जीव हॉस्पिटल में वन्यजीवों के लिए बाड़े बनाकर उसे प्रस्तावित जू के पहले चरण का रूप दिया जाना है उसके बाद यहां जू सफारी की योजना पीपीपी मोड में शुरू की जानी है इस बारे में अब सभी अनुमतियां राज्य सरकार को प्राप्त हो गई है।
यहां 50 बाघों और तेंदुए के बाड़े बनाए जाने है।
जू और वन्य जीव अस्पताल के प्रस्तावित स्थल की चार दीवारी का काम पहले ही पूरा हो चुका है कुछ विभागीय औपचारिकतायें पूरी करने का काम राज्य स्तर पर बांकी है।
वन सचिव आर के सुधांशु का कहना है कि हम हल्द्वानी के जू और वाइल्ड लाइफ हॉस्पिटल के निर्माण पर तेजी से काम कर रहे है सभी एजेंसियों सीएम के निर्देश पर हर बाधा को दूर करती जा रही है जल्द ही इसका मूर्ति रूप आप देख सकेंगे ।
सीएम धामी का कहना है:
मानव-वन्यजीव संघर्ष निवारण के
जो काम पूर्व में कांग्रेस सरकार ने अधूरे छोड़े थे उसे भाजपा सरकार ने पूरा कराया है हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र में जू और वन्य जीव अस्पताल के निर्माण की बाधाएं दूर होती जा रही है जल्द ही आप इस पर काम पूरा होते देखेंगे।
वन्य जीव अस्पताल के बन जाने से वन्य जीवों के इलाज में उत्तराखंड की मिसाल दी जाएगी। हमारे यहां हाथी बाघ तेंदुए के इलाज के लिए बेहतर अस्पताल होगा और दूसरे राज्यो से भी यहां घायल वन्य जीव लाकर इलाज पा सकेंगे।
भारत सरकार द्वारा 27 करोड़ का प्रोजेक्ट स्वीकृत किया गया है।

उत्तराखंड