सावन की पहली शिवरात्रि:- भगवान शिव के आगमन का भव्य स्वागत- एक महीने ससुराल में विराजमान होंगे शिव

सावन की पहली शिवरात्रि:- भगवान शिव के आगमन का भव्य स्वागत- एक महीने ससुराल में विराजमान होंगे शिव

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- आज है सावन की शिवरात्रि यानि शिव की भक्ति से सबसे अच्छा दिन।
ऐसी मान्यता है कि जो श्रद्धालु शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं उन पर शिव की कृपा हो जाती है यह भी माना जाता है कि शिव सावन के पूरे महीने अपनी ससुराल कनखल में ही निवास कर यही से सृष्टि का संचालन और लोगो का कल्याण करते हैं। हरिद्वार के शिव मंदिरों में शिव का जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है।

सावन का महीना भगवान शिव का अति प्रिय महीना होता है और कनखल दक्ष प्रजापति महादेव की ससुराल है और दुनिया में सबसे पहला भगवान शिव का मंदिर है भगवान शिव ने राजा दक्ष को वचन दिया था कि सावन के एक महीने वह यहीं पर वास करेंगे इसलिए भगवान शिव सावन का एक महीने दक्ष प्रजापति में ही वास करते हैं सावन मास की पहली शिवरात्रि है।
भगवान शिव के आगमन का भव्य स्वागत किया जाता है।

भगवान शिव अपने ससुराल में एक महीने के लिए विराजमान हो गए हैं क्योंकि सावन के महीने में ही भगवान शिव की जटा से गंगा अवतरित हुई थी इसलिए सावन के महीने में गंगा जल दूध दही शहद भूरा गन्ने के रस और भांग धतूरे से भगवान शिव की पूजा की जाती है।
भक्तों की दक्ष प्रजापति मंदिर में सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है क्योंकि भगवान शिव सावन के महीने में यहीं विराजमान रहते हैं।
जो भी श्रद्धालु भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।

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