रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- भारत अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) ने श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से सूर्य का गहनता से अध्ययन करने के लिये अपने आदित्य-एल 1 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च करते हुवे अंतरिक्ष विज्ञान में विलक्षण कदम रख दिया है।
चंद्रयान-3 की चांद पर विजय के बाद देश ने सूर्य की तरफ कदम बढ़ा दिये हैं और ये पहला ऐसा अंतरिक्ष मिशन है जो सूर्य के शोध से जुड़ा है।
आदित्य एल-1 सैटेलाइट है जिसको 15 लाख किलोमीटर दूर भेजा गया है इस सैटेलाइट को एल-1 (लैग्रेंज प्वाइंट-1) में स्थापित करना है इस मिशन का उद्देश्य सौर मंडल के वातावरण में गतिशीलता,सूर्य के परिमंडल की गर्मी,सूर्य की सतह पर सौर भूकंप के साँथ ही सूर्य के धधकने संबंधी कई गतिविधियों व उनकी विशेषताओं के साँथ-साँथ पृथ्वी के करीब अंतरिक्ष में हो रही मौसम संबंधी दिक्कतों को समझना और उनके समाधान है।
नैनीताल स्थित आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान(एरीज) में श्रीहरिकोटा से लॉन्च किये गये आदित्य-एल-1 का कार्यशाला लगाकर शहर के तमाम स्कूली बच्चों, वैज्ञानिकों व शोध छात्रों को सीधा प्रसारण दिखाया गया और इसके हर पहलु की जानकारी दी गई।
आपको बता दें कि इस अंतरिक्ष मिशन में एरीज की भी अहम भूमिका रही है जिसमें संस्थान के निदेशक व आदित्य एल-1 मिशन के उप सभापति प्रो० दीपांकर बनर्जी ने मुख्य रुप से अपना योगदान दे रहे हैं।