उत्तराखंड पब्लिक सर्विस ट्रिब्यूनल बैंच ने राज्य आयुर्वेदिक एवं यूनानी विभाग द्वारा जारी 238 फार्मेसिस्टों की वरिष्ठता सूची को किया निरस्त- तीन माह के भीतर नए सिरे से वरिष्ठता सूची जारी करने के दिए आदेश

उत्तराखंड पब्लिक सर्विस ट्रिब्यूनल बैंच ने राज्य आयुर्वेदिक एवं यूनानी विभाग द्वारा जारी 238 फार्मेसिस्टों की वरिष्ठता सूची को किया निरस्त- तीन माह के भीतर नए सिरे से वरिष्ठता सूची जारी करने के दिए आदेश

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष रामसिंह व प्रशासनिक सदस्य एएस नयाल की खण्डपीठ में फार्मेसिस्ट सतीश मुनगली व राकेश रावत की याचिका पर सुनवाई हुई।
याचिका में फार्मेसिस्टों की 5 मार्च 2019 को जारी पदोन्नति सूची को चुनौती दी गई थी।याचिकाकर्ताओं के अनुसार दिसम्बर 2009 में 238 फार्मेसिस्टों की नियुक्ति हुई लेकिन हाईकोर्ट ने 2012 में ये नियुक्तियां निरस्त कर विभाग से दोबारा मैरिट लिस्ट बनाकर नियुक्तियां करने का आदेश दिया जिसके बाद विभाग ने पुनः मैरिट लिस्ट बनाकर नियुक्तियां की गई जिसमें दोनों याचिकाकर्ता भी शामिल थे याचिकाकर्ताओं के अनुसार नियुक्ति के समय उनका क्रमांक 10 व 19 था लेकिन वरिष्ठता सूची में उन्हें सबसे नीचे रखा गया है इसके अलावा याचिकाकर्ताओं के अनुसार जब हाईकोर्ट ने 2009 की नियुक्ति रद्द कर दी थी तो वरिष्ठता सूची 2009 के आधार पर बनाना गलत है।
याचिकर्ताओं द्वारा दिए गये तर्कों के आधार पर ट्रिब्यूनल ने 2019 में जारी वरिष्ठता सूची रद्द कर दी है।
गौरतलब है कि उक्त वरिष्ठता सूची के बाद करीब दो दर्जन फार्मेसिस्ट चीफ फार्मेसिस्ट भी बन गए हैं जिनकी पदोन्नति इस आदेश के बाद से प्रभावित होगी इसके अलावा विभाग ने 2011 में भी फार्मेसिस्टों की नियुक्ति की है और इस आधार पर उनके वरिष्ठ होने की संभावना हो गई है।

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