रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- खेती-खलियानी के साँथ ही आम लोगों के लिये मुसीबत का सबब बन रहे बंदर-लंगूरों को पकड़ने के लिये नैनीताल वन प्रभाग में एक साल के भीतर करीब 100 से अधिक शिकायतें आ गई हैं और ये सिलसिला अभी भी जारी है मगर विभाग करे तो क्या करे?
दरअसल नैनीताल में बीते वर्ष 2017 से बधियाकरण का अभियान चलाया गया जिसमें करीब 8 हजार 517 बंदर-लंगूरों का बधियाकरण हुआ और इन पांच सालों में नैनीताल व आसपास के इलाकों से करीब 16 हजार बंदर-लंगूरों को पकड़ा गया और बंदर पकड़ो अभियान जारी है बीते 3 दिन पहले बिड़ला स्कूल से करीब 19 बंदरों को पकड़ कर रानीबाग रेस्क्यू सेंटर भेजा गया है अब वन विभाग के सामने बड़ा संकट ये खड़ा हो गया कि आखिर इनका बधियाकरण कैसे किया जाये क्योंकि यहाँ मशीन पिछले एक साल से खराब है।
आपको बता दें कि नैनीताल सहित आसपास के सभी पर्यटक स्थलों पर बंदर-लंगूरों की एक बड़ी फौज हैं जो लोगों की जान पर आफत बन जाते हैं इतना ही नहीं इनके आतंक से स्कूली बच्चे भी अछूते नहीं है और सरकारी दफ्तरों हों या लोगों के घर सभी जगहों पर इनका ही डेरा रहता है इन्ही सारी दिक्कतों को देखते हुवे नैनीताल,भवाली व आसपास के इलाकों से हर रोज पकड़ने की मांग लिखित में विभाग से की जा रही है।
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नैनीताल वन प्रभाग के उप प्रभागीय वनाधिकारी हेम चन्द्र गहतोड़ी ने बताया कि समस्या गंभीर है और विभाग अपने सीमित संसाधनों से इनको पकड़ रहा है मगर इन सबके बीच जो अड़चन आ रही है वो है बजट की कमी और बधियाकरण करने वाली मशीन का खराब होना।
गहतोड़ी ने बताया करीब 17 लाख रुपयों की डिमांड मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को भेजी गई है पैसा जारी होते ही अभियान को तेज किया जायेगा।
विभाग ने स्वयंसेवी संस्थाओं से अपेक्षा की है कि सभी इस कार्य में आगे आकर सहयोग करेंगे जिससे कि मशीनों व उपचार के दौरान लगने वाली दवाइयों के खर्च को पूरा किया जा सके।