रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- लॉकडाउन के दौरान देश के तमाम शहरों में फंसे लोगों को उत्तराखंड में वापस लाने संबंधी मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुवे नैनीताल हाईकोर्ट ने अहम आदेश जारी किये है जिसमे कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकारों से पूछा है कि बताये प्रवासियों को लाने के लिये कितनी ट्रेनें चलाई जा रही है और अभी तक कितने लोग राज्य में वापस लाये गये है कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखते हुवे बताया कि अभी तक करीब 61 हजार लोगों को वापस लाया गया है और ये सिलसिला जारी है जिस पर कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुवे कहा कि जिस हिसाब से प्रवासियों को लाया जा रहा है उससे लगता नही है कि 6 महीने से पहले सरकार इनको वापस ला पाये जबकि रजिस्ट्रेशन की संख्या करीब 2 लाख के पार है लिहाजा इनको लाने में सरकार तेजी लाये तांकि कोरोना के संकट से लोगों को बचाया जा सके।
आपको बता दे कि धनोल्टी से विधायक प्रीतम सिंह पंवार की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया था कि राज्य सरकार केवल प्रवासी मजदूरों को ही वापस ला रही है जबकि लॉकडाउन के दौरान कई वर्ग के लोग फंसे है जिसमे बड़ी संख्या में छात्र भी शामिल है लिहाजा सभी को वापस लाया जाये और किसी के साथ भेदभाव ना हो जिस पर आज सुनवाई करते हुवे कोर्ट ने केंद्र व राज्य दोनो ही सरकारों को नोटिस जारी कर पूछा है कि बताये प्रवासियों को लाने में क्यों देरी हो रही है और उनको लाने में कितनी ट्रेनें और बसें चलाई जा रही है इन सभी बिंदुओं का विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिये कोर्ट ने 21 मई की तिथि नियत की है उस दिन दोनो ही सरकारों को रिपोर्ट पेश करनी है।