पंचायत का उद्घोष हुआ:- अब मतदाता बोले हैं

पंचायत का उद्घोष हुआ:- अब मतदाता बोले हैं

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल:—-
पंचायत का उद्घोष हुआ, अब मतदाता बोले हैं,
सुनो, व्यर्थ के वादों से हम जागे, साहस खोले हैं।
न अब बहलेंगे बातों से, न डर से हम झुकने वाले,
गाँव-गाँव की धरती पर नव निर्णय आज पले हैं।।

जहाँ थक चुकी थी चेतनता, वहाँ स्वराज जगा है अब,
नारी ने घर की देहरी से लोकपथ खुद चुना है अब।
न मेहनतकश भूखा होगा, न छत होगी टूटी सी,
अब पंचायत में बैठेंगे वे हाथ जिन्हें छला है सब।।

नये विचारों की आवाज़ें अब चौपालों में गूंज रहीं,
जन-जन की यह आशाएँ अब मतपेटी में गूंथ रहीं।
जो सपनों को साकार करे, वही प्रधान बने आगे,
जो दुःख बाँटे, साथ चले, उसी पर आँखें मूंद रहीं।।

उँगली पर वह स्याही अब केवल निशान नहीं रहती,
वह लोकतंत्र की मशाल है, जो पीढ़ी- दर-पीढ़ी कहती—
“जो मतदान नहीं करते, वो परिवर्तन से कतराते,
उठो, चलो मतदान करो, यही भूमिका असली रहती!

नव ग्राम स्वराज्य बुलाता है –
मतदाता! अब तुम मौन न रहो।
स्याही बनो, मशाल बनो –
लोकतंत्र का सम्मान करो!
लेखक:— दया भट्ट उत्तराखंड

Uttarakhand