अधिकारियों की उदासीनता:- बदहाली की कगार पर विश्व प्रसिद्ध चौबटिया गार्डन

अधिकारियों की उदासीनता:- बदहाली की कगार पर विश्व प्रसिद्ध चौबटिया गार्डन

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- उत्तराखंड का खूबसूरत शहर रानीखेत जो न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर है बल्कि ये बाग-बागानों के लिए भी जाना जाता है यहीं पर विश्व प्रसिद्ध चौबटिया गार्डन है जो आज उदासीनता के चलते बदहाली की कगार पर पहुंच गया है।
कहने को तो यहां उद्यान विभाग का निदेशालय है लेकिन अधिकारियों का मन शायद यहाँ नहीं लगता है।
हम बात कर रहे हैं उद्यान निदेशालय की जहाँ अधिकारियों की लंबी चौड़ी फौज है लेकिन अधिकारियों का मन देहरादून के एसी वाले कमरों को छोड़ने का मन नहीं है।

उद्यान निदेशालय में निदेशक, अपर निदेशक, संयुक्त निदेशक, उप निदेशक सहित 14 अधिकारी हैं इनमें कुछ अधिकारी क्लास टू में आए हैं जिनके जिम्मे उद्यान निदेशालय है वह भी कब आते हैं कब जाते हैं किसी को नहीं पता।
बांकी बात अन्य अधिकारियों की करें तो न ये फील्ड में काश्तकारों के पास जाते हैं और न ही काश्तकारों को किसी तरह की कोई जानकारी दी जाती है।
वहीं बात अगर चौबटिया के विश्व प्रसिद्ध एप्पल गार्डन की करें तो इसका मालिक भी भगवान ही है।
कभी यहां सैकड़ों कुंतल के हिसाब से सेब होता था और लखनऊ तक बेचा जाता था, स्थानीय बाजारों में बेचा जाता था लेकिन आज यह चौबटिया गार्डन बदहाली के आंसू रो रहा है।
एप्पल गार्डन के नाम से मशहूर इस गार्डन में आज मात्र सात कुंतल सेब की पैदावार हो रही है बाकी और फलों की तो बात ही दूर है।
एप्पल गार्डन आज अपनी पहचान खोता नजर आ रहा है अधिकारियों की अनदेखी और खींचा तानी का नतीजा आज यह उद्यान रसातल की ओर जा रहा है।
करीब 265 एकड़ में फैला यह उद्यान आज बदहाली की कगार पर है।

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