रोमांच से भरपूर होगी आदि कैलाश में अल्ट्रा मैराथन

रोमांच से भरपूर होगी आदि कैलाश में अल्ट्रा मैराथन

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- धारचूला के उच्च हिमालय क्षेत्र गूंजी में 2 नवम्बर 2025 को आयोजित होने वाली अल्ट्रा मैराथन की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी आशीष कुमार भटगांई ने गुंजी, जौलिंगकोंग एवं आसपास के क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया। निरीक्षण के दौरान जिला पर्यटन विकास अधिकारी कीर्ति आर्या ने जिलाधिकारी को प्रशासन एवं पर्यटन विभाग की तैयारियों की विस्तृत जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि देशभर से आने वाले धावकों के स्वागत, आवास, चिकित्सा एवं सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा चुकी हैं।
ट्रेक रूट की मार्किंग, रेस्क्यू टीमों की तैनाती, एवं लॉजिस्टिक सपोर्ट की व्यवस्थाएँ पूरी कर ली गई हैं।
स्थानीय होम स्टे, स्वयंसेवी संगठन और ग्राम समितियाँ आयोजन में सक्रिय सहयोग कर रही हैं।
आपको बता दें कि अल्ट्रा मैराथन का यह मार्ग गुंजी से आदि कैलाश क्षेत्र तक फैला हुआ है जो समुद्रतल से लगभग 14,000 फीट की ऊंचाई तक जाता है।
यह भारत के सबसे रोमांचक और ऊंचे ट्रेकिंग ट्रेल्स में से एक है।
मार्ग पर भारतीय सेना, पुलिस प्रशासन, आईटीबीपी (इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस) और स्वास्थ्य विभाग की टीमें प्रतिभागियों की सुरक्षा,गाइडेंस एवं आपात सहायता के लिए तैनात रहेंगी।
संभावित मौसमीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा निम्नलिखित विशेष व्यवस्थाएँ की गई हैं।
मेडिकल रिलीफ पोस्ट की स्थापना,आपातकालीन ऑक्सीजन सिलिंडर,एम्बुलेंस एवं हेल्थ सपोर्ट टीमें तैनात, रेस्क्यू एवं इवैक्यूएशन टीमों को आवश्यक प्रशिक्षण एवं उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं।
पर्यटन विभाग ने सभी प्रतिभागियों एवं आयोजन दल के लिए रहने और भोजन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की है। स्थानीय ग्राम समितियाँ और स्वयंसेवी संगठन पारंपरिक पिथौरागढ़ आतिथ्य संस्कृति के साथ धावकों का स्वागत करेंगे। स्थानीय उत्पादों से सजे फूड स्टॉल, हस्तशिल्प प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजन का आकर्षण होंगे।
जिलाधिकारी आशीष कुमार भटगांई ने कहा आदि कैलाश अल्ट्रा मैराथन जैसे आयोजन न केवल जनपद के पर्यटन को नई पहचान देंगे बल्कि यहाँ की स्थानीय आजीविका, होम स्टे व्यवसाय, परिवहन एवं हस्तशिल्प को भी सशक्त बनाएंगे।
प्रशासन का लक्ष्य है कि इस आयोजन के माध्यम से पर्यावरणीय संतुलन, साहसिक पर्यटन और स्थानीय सहभागिता को बढ़ावा मिले।
उन्होंने कहा कि इस आयोजन के सफल संचालन से आदि कैलाश क्षेत्र एवं व्यास घाटी को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने में सहायता मिलेगी।

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