अतीत में सिमटती मॉलरोड की शान- नैनीताल मॉलरोड की पहचान पैडल रिक्शा की जगह ली ई रिक्शा ने- धीरे-धीरे अतीत बनने की कगार पर पैडल रिक्शा

अतीत में सिमटती मॉलरोड की शान- नैनीताल मॉलरोड की पहचान पैडल रिक्शा की जगह ली ई रिक्शा ने- धीरे-धीरे अतीत बनने की कगार पर पैडल रिक्शा

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- नैनीताल और मॉलरोड का जिक्र आते ही सबसे पहले जेहन में पैडल रिक्शा आ जाता है।
सड़क से लगी नैनीझील,आसपास विहंगम दृश्य,सुन्दर चिनार के वृक्षों से छन-छन आती हवा और पैडल रिक्शा पर बैठकर इस अद्भुद सौन्दर्य को निहारना हम सबने इस सौन्दर्य को देखा है महसूस किया है।

करीब 1960 के दशक से पैडल रिक्शा मॉलरोड की पहचान रहे हैं इस दौरान रिक्शा चालकों ने भी न जाने कितने दौर देखे लेकिन व्यवस्था परिवर्तन के तहत अब पैडल रिक्शा की जगह ई-रिक्शा ने ले ली है और अब पैडल रिक्शा धीरे-धीरे अतीत में सिमटते जा रहे हैं।
आपको बता दें नैनीताल में कुल 82 पैडल रिक्शा संचालित होते हैं जिसमें से 8 8 पैडल रिक्शा की जगह 4 ई-रिक्शा ने ली है यानि 2 पैडल रिक्शा पर एक ई-रिक्शा।
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चूंकि परिवर्तन प्रकृति का नियम है और आधुनिकता इसका एक हिस्सा और इसी परिवर्तन के तहत नगर पालिका ई-रिक्शा का संचालन करवा रही है।

पैडल रिक्शा चालक भी इसे व्यवस्था परिवर्तन का हिस्सा मान रहे हैं लेकिन मॉलरोड पर कई दौर देख चुके पैडल रिक्शा चालक इसे एक सुनहरा युग मानते हैं जहाँ उन्होंने जीवन के खट्टे मीठे अनुभव महसूस किये और वो इस परिवर्तन के साक्षी भी बने।
अपने आप में एक सुनहरा युग समेटे पैडल रिक्शा अब अतीत बनने की कगार पर हैं।।।।

उत्तराखंड