रिपोर्ट- रामनगर
रामनगर-(उत्तराखंड)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट “आत्मनिर्भर भारत” को सफल बनाने की दिशा में महिलाओं के समूह निरंतर आगे बढ़ रहे हैं और महिलाएं स्वरोजगार से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रहीं है।
लॉकडाउन के बीच स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं जोर-शोर से अपने काम में जुट गई हैं रक्षाबंधन का त्योहार नजदीक है लिहाजा रामनगर के महिला नंदा स्वयं सहायता समूह की दर्जनों महिलाएं राखियां बनाने में जुटी हैं अलग-अलग डिजाइन से महिलाएं आकर्षक राखियां बना रहीं है।
ऊन,गोटे,सितारे व मोती से बनी सुंदर राखियों को तैयार कर महिलाएं बाजार में सस्ते दामों पर बेच रहीं है।
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महिला नंदा स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष नीमा मठपाल बताती हैं कि उनके समूह की महिलाओं द्वारा बनाई गई राखियों की बडी डिमांड है जिनको पूरा करने के लिये दर्जनों महिलाएं जुटी हुई हैं और समूह द्वारा निर्मित राखियों को लोग पसंद भी कर रहे हैं।
नीमा मठपाल कहती हैं कि आज महिला समूह के जरिये रामनगर व आसपास की महिलाएं स्वावलंबन की दिशा में अग्रसर है वो ना केवल आत्मनिर्भर बन रहीं हैं बल्कि अपने परिवार का भरण पोषण भी कर रहीं हैं।
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नीमा मठपाल ने कहा कि उनके समूह द्वारा बनाई गई राखियों की कीमत 10 रुपये से लेकर 50 रुपये तक है इनसे जो भी मुनाफा होगा उन पैसों से कृष्ण जन्माष्ठमी पर वस्त्र तैयार किये जायेंगे।
महिला समूह में दीपा कोटिया,बसंती हल्सी,बेबी,भावना कांडपाल,ललिता रावत, भगवती पाण्डे व हीरा नेगी द्वारा राखियां तैयार की जा रही हैं।