उत्तराखंड के चंपावत में फल-फूलों से खेली बग्वाल

उत्तराखंड के चंपावत में फल-फूलों से खेली बग्वाल

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रिपोर्ट- चम्पावत ब्यूरो
चम्पावत-(उत्तराखंड)- रक्षाबंधन के पवित्र मौके पर उत्तराखंड के देवीधुरा में बाराही देवी के धाम में प्रसिद्ध बग्वाल खेली गई।
कोरोना नियमों का पालन करते हुए पूजा अर्चना के बाद करीब 10 मिनट तक बग्वाल खेली गई इस दौरान करीब 6 दर्जन लोग घायल हो गए घायलों में अधिकतर रण बाँकुरे व दर्शक शामिल रहे।
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देवीधुरा के प्रसिद्ध मां बज्र बाराही धाम में आयोजित होने वाले बग्वाल मेले की तैयारियां पिछले हफ्ते से ही चल रही थी बग्वाल के लिए खोलीखांड दूबचौड़ मैदान सज चुका था आज सुबह मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की गई ब्रह्ममुहूर्त में आचार्यो व ब्राह्मणों द्वारा बाराही धाम में विशेष पूजन किया गया उसके बाद 11 बजे से शंखनाद के साथ चारो खामों ने फलों की बग्वाल शुरू की गई उसके कुछ ही सेकेंड बाद वहां पत्थरो,ईटो और डंडों की बग्वाल शुरू हुई।
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पत्थर और ईंट लगने से रणबाँकुरे सहित दर्जनों लोग घायल हो गए सभी घायलों का नजदीकी अस्पताल में उपचार कराया गया।
आपको बता दें कि 6 साल पूर्व तक यहां चार खामों के योद्धाओं के बीच पत्थर युद्ध होता था पत्थरों की मार से घायल लोगों का रक्त एक व्यक्ति के बराबर बह जाता था जिसके बाद मंदिर के पुजारी शंखनाद कर युद्ध रोक देते थे। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब यहां पत्थर युद्ध के बजाय फल और फूलों से बग्वाल खेली जाती है हालांकि परम्परा को जीवंत रखने के लिए योद्धा अभी भी फल और फूलों के साथ सांकेतिक रूप से एक दूसरे पर पत्थर फेंकते हैं।

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