जंगलों की सुरक्षा को वन महकमा सतर्क- खुफिया तंत्र को सुदृढ करने की बनाई योजना

जंगलों की सुरक्षा को वन महकमा सतर्क- खुफिया तंत्र को सुदृढ करने की बनाई योजना

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- हरे भरे जंगल उत्तराखंड की पहचान हैं कुदरत ने इस प्रदेश को भरपूर नैसर्गिक सौन्दर्य और वन संपदा का अपार भंडार दिया है।
लेकिन बीते वर्षो में जिस तेजी से यहाँ की वन्य संपदा को नुकसान पहुंचाया जा रहा है वो चिंतनीय है।

यहाँ से लकड़ी तस्करी,जड़ी बूटी तस्करी,वन्य जीवों का अवैध शिकार व अवैध खनन जैसे मामले बढ़ने लगे हैं जिसने यहाँ की वन्य संपदा को काफी नुकसान हो रहा है।
वनों व वन्य संपदा को बचाने व इनकी सुरक्षा को लेकर वन महकमा एक बार फिर अलर्ट मोड़ पर है।
जंगलों की सुरक्षा को लेकर मुख्य वन संरक्षक कुमाऊँ डॉ तेजस्वनी पाटिल के मुताबिक जंगलों की सुरक्षा के लिये सुरक्षा तंत्र को सुदृढ़ करने की योजना बनाई जा रही है।
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डॉ पाटिल के मुताबिक जंगलों में अवैध गतिविधियों की सूचना में मुखबिर अहम भूमिका निभाते हैं इसके लिये मुखबिरों को व खुफिया तंत्र को और अधिक मजबूत करने के साथ ही सतर्क किया जायेगा।
आपको बता दें कि कुमाऊं के पश्चमी तराई रेंज में तस्करी के मामले सबसे ज्यादा बढ़े हैं कई बार ये तस्कर वीट वाचरों के लिये भी खतरा बन जाते हैं इसलिये तस्करों से बचने के लिये पूरे महकमे को सतर्क किया जा रहा है।

उत्तराखंड