रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के डीएसबी परिसर के राजनीति विज्ञान विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष व संप्रति पंडित दीनदयाल उपाध्याय पीठ के चेयर पर्सन प्रोफेसर मधुरेंद्र कुमार के नेतृत्व एवं पीठ के तत्वाधान में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल का परचम लहराया।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चिंतन का 21वीं सदी में राष्ट्र निर्माण में योगदान विषयक संगोष्ठी में कुमाऊं विश्वविद्यालय की प्रो. नीता बोरा शर्मा सहित शोधार्थियों ने प्रतिभाग किया।
संगोष्ठी में कई विश्वविद्यालयों के कुलपति संकाय अध्यक्ष एवं विभागाध्यक्ष बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कर रहे सांची बुद्ध विश्वविद्यालय भोपाल की कुलपति प्रो. नीरजा गुप्ता ने कहा कि दीनदयाल जी के चिंतन में हमें भारत और इंडिया का अंतर समझना होगा।
प्रो.नीता बोरा शर्मा ने कहा दीनदयाल जी के विचारों के अनुरूप ग्रामीण विकास योजनाओं को लागू करना होगा तभी राष्ट्र का नवनिर्माण जन आकांक्षाओं के अनुरूप होगा।
तकनीकी सत्रों में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के तथा इलाहाबाद विश्वविद्यालय,कुमाऊं विश्वविद्यालय,लखनऊ विश्वविद्यालय,डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर, पटना विश्वविद्यालय, मिथिला विश्वविद्यालय, पूर्वांचल विश्वविद्यालय काशी हिंदू विश्वविद्यालय आदि से बड़ी संख्या में शोधार्थियों ने प्रतिभाग किया।
संगोष्ठी में कुमाऊं विश्वविद्यालय के मोहित रौतेला, डॉ प्रश्नना मिश्रा मंजरी, हनुमंत आदि प्रतिभागियों के प्रस्तुतियों को सराहा गया।
समापन सत्र में जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के निवर्तमान कुलपति प्रो. हरिकेश सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों के अनुरूप चलने का आह्वान किया तथा इस बात पर बल दिया कि उनका एकात्म मानववाद व्यक्ति एवं राष्ट्र के सर्वांगीण विकास का वस्तुतः मूल मंत्र है।
इस अवसर पर प्रो.नीता बोरा शर्मा को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।