रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- फर्जी दस्तावेज पेश कर मेडिकल ग्राउंड पर शार्ट टर्म बेल लेने संबंधी मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त कदम उठाते हुवे रजिस्ट्रार ज्यूडिशियल को पैरोकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए हैं।
न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ के समक्ष हुई सुनवाई के दौरान ये निर्देश जारी किये गए।
गौरतलब है कि विरेन्द्र सिंह रावत ने नैनीताल हाईकोर्ट में मेडिकल के आधार पर शार्ट टर्म बेल याचिका दायर की थी जिसमें उसके पैरोकार भाई की तरफ से कहा गया कि उसके पिता उमेद सिंह का स्वास्थ्य खराब है और घर पर उनकी देखरेख करने वाला कोई नही है और उसका पैरोकार भाई विकलांग है लिहाजा याची को कुछ दिनों के लिये शार्ट टर्म बेल दी जाए जिसको लेकर पैरोकार की तरफ से कोर्ट में याची के खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुवे हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल का मेडिकल पर्चा लगाया गया जो प्रथमदृष्टया फर्जी प्रतीत हो रहा था जिसके बाद कोर्ट ने इस पूरे मामले पर रिपोर्ट तलब की थी।
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सरकार की तरफ से कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट पेश की गई जिसमें कहा गया कि उक्त नाम के किसी भी मरीज की अस्पताल में कोई भी मेडिकल पर्ची नही बनी और ना ही रजिस्टर में एंट्री है जिस पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुवे पैरोकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जारी किये हैं।