रिपोर्ट- दिल्ली ब्यूरो
दिल्ली- अफगानिस्तान में तालिबान औऱ वहाँ की सरकार के बीच जारी संघर्ष के बीच अफगानिस्तान में कॉन्सुलेट में कार्यरत भारतीय कर्मचारियों को भारत वापस लौटने को कहा है।
वहाँ के मजार-ए-शरीफ शहर में स्थित कॉन्सुलेट में कुछ अधिकारी और अन्य भारतीय अभी मौजूद हैं।
अब इन सभी को वहाँ से सुरक्षित निकालने की जिम्मेदारी भारतीय वायुसेना को दी गई है।
मजार-ए-शरीफ अफगानिस्तान का चौथा बड़ा शहर है। यहाँ भारत का अंतिम भारतीय वाणिज्य दूतावास स्थित है।
यह शहर अफगानिस्तान के बाल्ख प्रांत के अंतर्गत आता है। तालिबान ने अब तक 6 प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर लिया है।
मंगलवार (10 अगस्त 2021) को मजार-ए-शरीफ से एक स्पेशल फ्लाइट नई दिल्ली के लिए रवाना हो रही है। मजार-ए-शरीफ औऱ उसके आसपास रहने वाले शाम की फ्लाइट से नई दिल्ली के लिए रवाना हो जाए। मजार में भारतीय कान्सुलेट की ओर से कहा गया है कि जो भी भारतीय नई दिल्ली रवाना होना चाहते हैं, वह तुरंत अपना पूरा नाम, पासपोर्ट नंबर और अन्य जानकारी इन नंबरों पर 0785891303, 0785891301 व्हाट्सएप पर भेज सकते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले पिछले महीने कंधार में भारतीय कॉन्सुलेट से 50 भारतीय राजनयिकों औऱ सुरक्षा अधिकारियों को वापस लाया गया था।
सरकारी आँकड़ों के मुताबिक फिलहाल करीब 1500 भारतीय अफगानिस्तान में रह रहे हैं।
पिछले हफ्ते विदेश मंत्रालय ने लोकसभा में कहा था कि भारत सतर्क है और संघर्षग्रस्त देश में भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रहा है।
भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी की कंधार शहर के स्पिन बोल्डक जिले में तालिबान द्वारा की गई हत्या के बाद भी भारतीय दूतावास ने अफगानिस्तान में आने, रहने और काम करने वाले अपने नागरिकों को अपनी सुरक्षा के संबंध में अत्यधिक सावधानी बरतने और देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसा की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर सभी प्रकार की गैर-जरूरी यात्रा से बचने के लिए कहा था।