सड़क से वंचित ग्रामीणों की जगी आस- हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर सरकार से मांगा जवाब

सड़क से वंचित ग्रामीणों की जगी आस- हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर सरकार से मांगा जवाब

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के तहत आने वाले स्याल्दे विकास खंड के दर्जनों गांवो के ग्रामीणों ने 2013 में स्वीकृत सड़क की मांग को पूरा करने के लिये नैनीताल हाईकोर्ट की शरण लेते हुवे सड़क बनवाने की मांग की है।
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हाईकोर्ट ने मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुवे राज्य सरकार,सचिव लोक निर्माण विभाग व चीफ इंजीनियर पीएमजीएसयाई को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है कोर्ट ने पूछा है कि इतने समय बाद आखिर क्यों सड़क का निर्माण नही किया गया?
आपको बता दें कि तामाढ़ोंन-कुमालेश्वर संघर्ष समिति के अध्यक्ष किशन सिंह मैठाणी ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि तामाढ़ोंन से कुमालेश्वर तक करीब 20 किलोमीटर की सड़क बीते 2013 में पी एमजीएसवाई के तहत स्वीकृत हो गई थी जो कि करीब 9 करोड़ के लागत से बननी थी और 2015 में इस सड़क को लेकर डीपीआर भी बनाई गई इतना ही नही 218 में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से सड़क निर्माण के लिये स्वीकृति भी मिल गई थी उसके बाद भी आज तक सड़क निर्माण कार्य ठंडे बस्ते में पड़ा था जिसकी वजह से दर्जनभर गांवो के करीब 20 हजार से अधिक की एक बड़ी आबादी सड़क विहीन है और बार-बार सड़क की मांग को लेकर सरकार व सिस्टम तक अपनी आवाज बुलंद करी मगर कोई सुनवाई नही हुई आखिरकार थक हारकर ग्रामवासियों ने हाईकोर्ट की शरण लेते हुवे सड़क निर्माण कार्य शुरु करवाने की मांग करी जिस पर सुनवाई करते हुवे कोर्ट ने सरकार सहित विभागीय अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

उत्तराखंड