रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- पहाड़ की शांत वादियों में वर्षो से जीवन यापन कर रहे सीधे सरल ग्रामीण जनों के सामने एक नई समस्या खड़ी हो गयी है दरअसल पहाड़ में अब बिल्डरों की घुसपैठ से शांत माने जाने वाले ग्रामीण इलाकों में ख़ौफ़ का माहौल देखने को मिल रहा है।
बिल्डरों की मनमानी और ग्रामीणों को धमकाने का एक मामला सामने आया है जिसकी ग्रामीणों ने एसडीएम को लिखित में शिकायत दर्ज कराई है और प्रार्थना करी है बिल्डरों की मनमानी पर अंकुश लगाने की।
पूरा मामला नैनीताल से सटे पंगुट इलाके का है दरअसल प्रधान दिनेश बुढलाकोटी व अन्य ने एसडीएम को प्रार्थना पत्र सौंपते हुवे कहा है कि बिल्डरों द्वारा चुरानी तोक में बिल्डरों ने जंगल काट कर वन भूमि में सड़क का निर्माण किया है जिसमें उनके द्वारा अपने निजी वाहनों की आवाजाही की जा रही है रास्ता कच्चा और खतरनाक है मगर इनके द्वारा सैलानियों को खतरे वाले रास्ते से पंगोट से चुरानी तक सैर कराई जा रही है जबकि खतरनाक रास्ता होने के बावजूद भी ये बिना किसी डर भय के आवाजाही करवा रहे हैं जो नियमों के खिलाफ है।
ग्रामीणों का आरोप है कि बिल्डर इतने बेख़ौफ़ हो गये हैं कि इन्होंने ग्राम सभा के पानी पर भी अवैध तरीके से कब्जा कर बड़े बड़े स्विमिंग पुल का निर्माण कर ग्रामीणों के हको पर डाका डाल दिया है।
ग्रामीणों ने पत्र में जिक्र करते हुवे कहा गया है कि अगर जब कभी ग्रामीण बिल्डरों से अपने हक हकूकों की बात करते हैं तो उनकी तरफ से डराया धमकाया जाता है और जवाब में कहा जाता है कि आप लोग हमारा कुछ नहीं कर सकते हो क्योंकि यहाँ से लेकर राजधानी देहरादून तक सब हमारे परिचित हैं।
हताश निराश ग्रामीणों ने मजबूरन प्रशासन से बिल्डरों के आतंक से निजात दिलवाने की मांग करी है।
ग्रामीणों की इस समस्या पर प्रशासन ने भी त्वरित समाधान करने का भरोसा दिलाया है अब देखना होगा कि आखिर कब तक ग्रामीणों को प्रशासन उनके हक हकूकों को दिलवाने में मदद करेगा??