पर्यटकों से अभ्रदता,मारपीट- कहाँ गई कानून व्यवस्था- पर्यटन प्रदेश की छवि खराब करते उपद्रवियों को नहीं रहा कानून का ख़ौफ

पर्यटकों से अभ्रदता,मारपीट- कहाँ गई कानून व्यवस्था- पर्यटन प्रदेश की छवि खराब करते उपद्रवियों को नहीं रहा कानून का ख़ौफ

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- कुमाऊं में इन दिनों पर्यटन सीजन चरम पर है विशेषकर नैनीताल सैलानियों से पैक है ऐसे में हमारी कुछ गलत हरकतों से न केवल पर्यटन प्रदेश की छवि खराब होती है बल्कि हमारी कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े होते हैं।
पर्यटकों से अभ्रदता व मारपीट का एक मामला आज नैनीताल के चारखेत में सामने आया जब रामनगर से राजस्थान के 3-4 छात्र रामनगर में किसी प्रतिस्पर्धा के लिये पहुंचे थे वहां से ये घूमने नैनीताल आ रहे थे।
रामनगर से 28 सीटर बस में 50 से अधिक सवारियां थी ऐसे में एक महिला ने इन पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया और महिला के पति ने चारखेत में कुछ उपद्रवियों को एकत्र कराया और बस रुकवाकर इन छात्रों की खूब पिटाई कर दी।
सूत्रों के मुताबिक किसी तरह बस सवार कुछ यात्रियों ने बमुश्किल इन्हें बचाया जिसमें बचाने वालों के साँथ भी धक्का मुक्की कर दी गई बाद में जब बस में सवार लोगों ने कहा कि पर्यटक छात्रों ने कुछ भी नहीं किया तो महिला ने भी अपनी गलती मानी लेकिन तब तक उनकी खूब पिटाई कर दी गई।
इस घटना से 2 अहम सवाल खड़े होते हैं कि रामनगर से नैनीताल तक जगह-जगह पुलिस के बैरियर व चौकियां होने के बावजूद इतनी ओवरलोडिंग बसें सड़क पर निर्बाध कैसे चल रही हैं?
दूसरा पर्यटकों को बिना गलती के कुछ उपद्रवी बस रोक कर पीट देते हैं लेकिन पुलिस प्रशासन को भनक तक नहीं लगती ऐसी स्थिति में कैसे कानून का भय असमाजिक तत्वों को होगा क्या आरटीओ,पुलिस किसी की जिम्मेदारी नहीं बनती?
रामनगर से यात्री बसें अपनी क्षमता से दुगुनी सवारियां लेकर आ रही हैं और जिम्मेदार किसी अप्रिय घटना के इंतजार में बैठे हैं आखिर हमारा सिस्टम कब जागेगा?
हम पुलिस विभाग से चारखेत में हुई घटना का स्वतः संज्ञान लेने की अपेक्षा रखते हैं ताकि लोग कानून अपने हाथ में ना लें ऐसे लोगों पर कारवाई होनी चाहिये।
तीनों छात्र राजस्थान लौट जायेंगे पर वो यहाँ से क्या लेकर गये ये सवाल हम सबके लिये है।

उत्तराखंड