नैनीताल के जिला अस्पताल बीड़ी पाण्डे में लगे जागरुकता बोर्ड लोगों को कर रहे हैं गुमराह- लोगों को सेहत के प्रति सजग करने वाले बोर्ड बने मजाक- अस्पताल प्रबंधन बना लापरवाह

नैनीताल के जिला अस्पताल बीड़ी पाण्डे में लगे जागरुकता बोर्ड लोगों को कर रहे हैं गुमराह- लोगों को सेहत के प्रति सजग करने वाले बोर्ड बने मजाक- अस्पताल प्रबंधन बना लापरवाह

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- अक्सर आपने देखा होगा कि सरकारी विभागों में,अस्पतालों में शहर के चौराहों में लोगों को जागरुक करने के लिये बड़े-बड़े सरकारी बोर्ड चस्पा किये जाते हैं जिसमें अलग-अलग संदेश लिखे होते हैं जिसका मकसद सिर्फ जन जागरुकता फैलाना और लोगों को आगाह करना होता है लेकिन आज हम आपको नैनीताल के जिला अस्पताल बीड़ी पाण्डे में लगा एक ऐसा ऐसा जागरुकता बोर्ड दिखा रहे हैं जो लोगों को सेहत के प्रति जागरुक करने के लिये लगाया गया है लेकिन यही बोर्ड मजाक बन कर रहा गया है हम ऐसा क्यों कह रहे हैं आप भी देखिये।

दरअसल चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग उत्तराखंड ने एक जागरूकता बोर्ड लगाया जिस पर किसी शरारती तत्व ने काट छांट कर अर्थ का अनर्थ कर दिया महीनों हो गये किसी ने इसकी सुध नहीं ली ऐसा नहीं है कि बोर्ड कहीं ओने कोने में लगा हो जहाँ किसी की नजर नहीं पड़ रही हो बोर्ड बिल्कुल ENT डॉक्टर मोनिका कांडपाल के कक्ष के बाहर लगा है जिस पर हर वक्त नजर पड़ रही है इसे देखकर ऐसा लग रहा है कि विभाग खुद ही अपने लगाये बोर्ड नहीं पढ़ता और इनको लगाना मात्र विभागीय इतिश्री है।
क्या अस्पताल में कार्य कर रहे कर्मचारियों और डॉक्टरों की जिम्मेदारी नहीं बनती है कि वो अपने अगल-बगल और आसपास भी नजर दौड़ाये।


यहाँ पर हर रोज हजारों मरीज आते हैं जो बोर्ड में लगा संदेश पढ़ते हैं हँसते हैं अपना काम कराते हैं और चले जाते हैं ऐसे में जागरूक कौन है आप खुद सोचिये।
आप-हम,अस्पताल के कर्मचारी,डॉक्टर या विभाग??

उत्तराखंड