दिल्ली के कुतुबगढ़ गांव को मिला जल प्रहरी सम्मान-देशभर के 32 जल संरक्षक किए गए सम्मानित

दिल्ली के कुतुबगढ़ गांव को मिला जल प्रहरी सम्मान-देशभर के 32 जल संरक्षक किए गए सम्मानित

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रिपोर्ट- नई दिल्ली ब्यूरो
नई दिल्ली- जल संरक्षण को बढ़ावा देने और जल आत्मनिर्भर भारत निर्माण के प्रति सामूहिक चेतना को बढ़ावा देने की दृढ़ प्रतिबद्धता के तहत जल प्रहरी सम्मान समारोह का चौथा संस्करण का आयोजन नई दिल्ली के न्यू महाराष्ट्र सदन में किया गया।
यह प्रतिष्ठित कार्यक्रम भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से यूएनओपीएस,राष्ट्रीय जल जीवन मिशन,राष्ट्रीय जल मिशन,सीईईडब्ल्यू, जर्मन जीआईजेड और एनआईयूए को नॉलेज पार्टनर के रूप में आयोजित किया गया था।
जल आत्मनिर्भर भारत की थीम के तहत,देशभर के 32 से अधिक जल संरक्षकों को उनके द्वारा वर्षों से किए गए प्रयासों के लिए प्रतिष्ठित जल प्रहरी सम्मान से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत थे जबकि वित्त राज्य मंत्री ससंदीय समिति के सभापति एवं गुजरात से सांसद परबत भाई पटेल,भागवत कराड, सांसद गोपाल शेट्टी,उन्मेश पाटिल,रमेश बिधूड़ी और संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने जल संरक्षकों को संबोधित किया।
परबत भाई पटेल ने कहा भारत सरकार विभिन्न हितधारकों के साथ सहयोग करके पानी की कमी को सक्रिय रूप से संबोधित कर रही है। पिछले वर्ष में भारत को एक लचीला और जल-सुरक्षित राष्ट्र बनाने के लिए पुराने जल निकायों को पुनर्जीवित करने, नए तालाबों और झीलों का निर्माण करने और नदी पुनर्जीवन परियोजनाओं में तेजी लाने जैसी पहल की गई हैं।
वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने कहा हमारे देश में जिस जगह जल संकट का सामना करना पड़ रहा है, उससे निपटने के लिए सरकार और आम जनता की साझेदारी महत्वपूर्ण है। जनता के साथ साझेदारी का लाभ उठाकर ही सभी क्षेत्रों में 24 घंटे स्वच्छ पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करना संभव हो सकता है। दक्षिणी दिल्ली से सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा, दक्षिणी दिल्ली क्षेत्रों में लगभग 16 तालाबों को पुनर्जीवित किया है और कुछ ही दिनों में आधा दर्जन से अधिक नए तालाब को जीवन दिया जाएगा।

सम्मानित किए गए व्यक्तियों ने जागरूकता बढ़ाने और जल संरक्षण के मुद्दों को संबोधित करने, आत्मनिर्भर और पानी के प्रति जागरूक भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। एक संयुक्त बयान में आयोजक अमेया साठे एवं अनिल सिंह ने अनियमित मौसम पैटर्न पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा, जल प्रहरी ऐसा मंच है जहां भारतीय एवं वैश्विक जल चुनौतियों से निपटने के लिए हितधारकों के बीच आपसी सहयोग, जागरूकता, जमीनी कार्यों को पहचान मिलती है।
जलप्रहरियों और सरकारी टेल द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य जल संरक्षण को आगे बढ़ाना है।
कार्यक्रम में दुबई सीओपी-28 से आए सीईईडब्ल्यू के नितिन बस्सी ने जहां जल भागीदारी पर प्रकाश डाला वहीं एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन/नदी पुनर्जीवन के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग और बाढ़, सूखा और जलवायु परिवर्तन शमन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर तीन व्यावहारिक पैनल चर्चा में कई जल विशेषज्ञ, आईएएस, आईआरएस अधिकारी शामिल हुए।
राजदूतों के सत्र में भारत में डेनमार्क के राजदूत फ्रेडी स्वेन,भारत में ताजिकिस्तान के राजदूत लुक्मोनबोबोकालोनज़ोडा, भारत में माल्टा के उच्चायुक्त रूबेन गौसी और अजीज बाराटोव, प्रभारी डीएफ़ेयर,भारत में उज़्बेकिस्तान दूतावास आदि आमंत्रित अतिथि शामिल रहे।
:-जल प्रहरी सम्मान से नवाजे गए जल संरक्षक:-
बेदाश्री चौधरी, निदेशक (जलवायु कार्रवाई), बोंगाईगांव, असम
अजय सहाय, कार्यक्रम कार्यालय, मुजफ्फरपुर, बिहार
भगवान राणा, अध्यक्ष, नई दिल्ली
डॉ. मीना जांगिड़, पारंपरिक जल व्यवसायी, संभल, नई दिल्ली
डॉ. भक्ति लता, संस्थापक, जल स्मृति फाउंडेशन, नई दिल्ली
धुम्मन सिंह किरमच, उपाध्यक्ष, कुरूक्षेत्र, हरियाणा
यशु दीप सिंह (आईएफएस), डीसीएफ, हिमाचल प्रदेश
रुहैल मकबूल शेख, जल गुणवत्ता विश्लेषक, जम्मू और कश्मीर
शिल्पा नाग, आईएएस, जिला कलेक्टर, चामराजनगर, कर्नाटक
एस कृष्ण चैतन्य (आईएएस), भोपाल, मध्य प्रदेश
गुणवंत चिंधा सोनावणे, संस्थापक, पुणे, महाराष्ट्र
प्रशांत गाडेकर (आईआरएस), पुणे, महाराष्ट्र
शरद अग्रवाल, सेक्टर प्रमुख, मुंबई, महाराष्ट्र
सुरेश पाटिल, पुणे, महाराष्ट्र
वैजीनाथ जगन्नाथ घोंगाड़े, अध्यक्ष, सांगोला, महाराष्ट्र
शेखर नारायण आदि।।।

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