



रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- देहरादून में अधिवक्ताओं के लिए चैम्बर निर्माण की मांग को लेकर
बार कॉउन्सिल ऑफ़ उत्तराखंड के प्रदेश व्यापी आंदोलन को समर्थन देते हुए नैनीताल ज़िला न्यायालय के अधिवक्ताओं ने एक सभा आयोजित की।
सभा का संचालन करते हुए सचिव दीपक रुवाली ने कहा कि प्रदेश के साथ हीं ऐसे स्थानों पर भी अधिवक्ताओं के लिए चैम्बर निर्माण किये जाये जहाँ अधिवक्ताओं को संसाधन उपलब्ध नहीं है।
उनकी छत के बारे में कोई सोचने वाला नहीं है कुछ जगह तो ऐसी हैं जहाँ कोर्ट फीस तक उपलब्ध नहीं होती है अन्य सुविधायें तो क्या मिलेंगी।
पूर्व अध्यक्ष ओंकार गोस्वामी ने रुवाली की बात का समर्थन करते हुए मूलभूत सुविधाओं व अधिवक्ता एकता चैम्बर निर्माण व संगठन की मजबूती की बात कही।
वहीँ पूर्व उपाध्यक्ष संजय सुयाल व तरुण चंद्रा, रवि शंकर आर्या ने चैम्बर निर्माण, नए अधिवक्ता के हित के साथ, यहां से जा चुके न्यायिक कार्य ज़िला न्यायालय में वापस लाने की बात कही।
अधिवक्ताओं को सम्बोधित करते हुए पूर्व अध्यक्ष नीरज साह ने कहा कि जिस प्रकार प्रदेश स्तर पर चैम्बर निर्माण की बात हो रही है हमारी मांग है कि तहसील स्तर पर व मुख्यालय स्तर पर भी अधिवक्ताओं के लिए चैम्बर बनने चाहिए और यहां जिस प्रकार सरकार की दमनकारी नीति हो गयीं है उसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
उन्होंने कहा सरकार द्वारा नोटरी अधिवक्ताओं से दस वर्ष के पश्चात लाइसेंस रिंन्यू नहीं कराये जा रहे हैं जो अन्याय पूर्ण है, जिस नोटरी अधिवक्ता ने नोटरी सेवा में अपना पूर्ण जीवन नोटरी को समर्पित कर दिया हो ऐसा करके उसके लिए संकट उत्पन्न हो जायेगा साथ ही नए अधिवक्ताओं के लिए कहा कि जब तीन वर्ष की मेहनत के पश्चात लॉ स्टूडेंट, अधिवक्ता बनकर आता है तो उसे AIBE परीक्षा उत्तीर्ण करनी पड़ती है, और परीक्षा देने के लिए पूरे उत्तराखंड में केवल दो ही सेंटर बना रखें हैं जिससे पूरे प्रदेश के नए अधिवक्ताओं को खासा समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

हमारी मांग है कि या तो समस्त ज़िलों में परीक्षा केंद्र बनाये जाएँ अथवा AIBE की ऑनलाइन परीक्षा की व्यवस्था की जाये। इस मौके पर समस्त अधिवक्ता पूरे दिन न्यायिक कार्यों से विरत रहे।
देहरादून में चैम्बर निर्माण की मांग को लेकर प्रदेश व्यापी आंदोलन के समर्थन में ज़िला बार एसोसिएशन से जुड़े समस्त अधिवक्ता उपस्थित रहे।





