सन्यासी परंपराओं के साँथ पायलट बाबा को दी गई भू समाधि- पूर्व केंद्रीय मंत्री सहित कई हस्तियां रही मौजूद

सन्यासी परंपराओं के साँथ पायलट बाबा को दी गई भू समाधि- पूर्व केंद्रीय मंत्री सहित कई हस्तियां रही मौजूद

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रिपोर्ट- हरिद्वार ब्यूरो
हरिद्वार-(उत्तराखंड)- आध्यात्मिक गुरु और जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर पायलट बाबा को आज हरिद्वार में भू समाधि दे दी गई।
आध्यात्मिक और धार्मिक ज्ञान की बेजोड़ मिसाल पायलट बाबा ने देश विदेश में ख्याति पाई थी।
बिहार में जन्मे कपिल सिंह का पायलट बाबा बनने का सफर भी बेहद रोचक रहा।

86 साल की उम्र में योगी और जाने-माने आध्यात्मिक गुरु पायलट बाबा ने दुनिया को अलविदा कहा तो साधु संतों और उनके अनुयायियों में शोक की लहर दौड़ गई।
हरिद्वार के उनके आश्रम में सन्यासी परंपराओं के अनुसार पायलट बाबा को भू समाधि दी गई तो उनसे जुड़े लोगों में आम शिष्यों से लेकर खास हस्तियां तक शामिल हुईं।

भारत ही नहीं दुनिया के दूसरे देशों से भी अनुयाई अपने गुरु को श्रद्धांजलि देने पहुंचें।
सैनिक से संत तक की यात्रा करने वाले पायलट बाबा ने योग और आध्यात्मिक का ऐसा प्रचार किया कि भारत से लेकर विदेश तक उनके आश्रम बनते चले गए। लाखों अनुयाई भी उनके साथ जुड़े।
पायलट बाबा ने अपनी ओर से अपने उत्तराधिकारी का ऐलान नहीं किया था अब उनके जाने के बाद उत्तराधिकारी कौन होगा इसको लेकर खींचतान हो सकती है। हालाकि जूना अखाड़े के प्रमुख महंत हरिगिरी का कहना है कि उनके शिष्य जो भी तय करेंगे अखाड़ा उसका समर्थन करेगा।

बिहार के सासाराम में जन्मे कपिल सिंह ने इंडियन एयर फोर्स में रहकर 1962 और 65 के युद्ध में देश सेवा की फिर उसके बाद संन्यास का मार्ग अपना कर भारतीय संस्कृति का विदेश तक प्रचार किया।
सैनिक से संत तक के इस सफर में कई नेता और फिल्मी अभिनेता उनसे प्रभावित होकर उनके साथ जुड़े।

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