रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- “वक्त से पहले ही हमसे रुठ गई है बचपन की मासूमियत न जाने कहाँ छूट गई है” पर्यटन नगरी नैनीताल में गुब्बारे बेचकर रोजी कमा रहे बच्चों को देखकर यही ख्याल मन में आते हैं क्या हम इसी समाज का हिस्सा हैं जहाँ आज भी बचपन रोटी की तलाश में सड़कों में भटक रहा है।
नैनीताल फ्लैस्ट्स,नयना देवी मंदिर व मॉलरोड के आसपास गुब्बारे बेचते बच्चों का झुंड खुद गुब्बारों से खेलने की उम्र में ये बच्चें रंग बिरंगे गुब्बारों के साँथ मानो अपने सपने भी बेच रहे हैं।
ऐसा नही कि इनके माता पिता नहीं है लेकिन जागरूकता की कमी व अशिक्षा के चलते इनके माता पिता इनसे दिनभर श्रम करवा रहे हैं बच्चों का कहना है कि वो रोजाना 200 से 300 रुपये कमा लेते हैं और शाम को घर जाकर अपने दे देते हैं।
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इस बारे में जब जिले की कप्तान साहिबा प्रीति प्रियदर्शनी से वार्ता की गई तो उनका कहना है कि बच्चों से ऐसे काम करवाना अपराध की श्रेणी में आता है और इस पर रोक लगाने के लिये पुलिस जिले के सभी पर्यटन स्थलों पर सर्च अभियान चलायेगी और पहले चरण में इनके माता पिता की काउंसलिंग कराई जायेगी अगर फिर भी ये सब नहीं थमा तो उन पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
पुलिस तो अपना काम करेगी ही हम भी ऐसे लोगों से गुजारिश करते हैं कि वो बच्चों को उनका बचपन जीने दें।
“बच्चों को बचपन की उड़ान दे दो।
मजदूरी रोक उनके चेहरे पर मुस्कान दे दो”।।।