सहारनपुर 6 सितंबर प्राप्त समाचार के अनुसार
युवाओं को उद्योगों की मांग के अनुरूप नवीनतम तकनीक का प्रशिक्षण देकर कुशल बनाने के लिए 150 आईटीआई का टाटा टेक्नोलॉजी लि० द्वारा उन्नयनण लगभग पूर्ण होने जा रहा है इसी क्रम मे आज सहारनपुर मे मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने टाटा द्वारा निर्मित वर्कशाप का बारीकी से निरीक्षण कर अधिकारियो को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
नगर विधायक एवं प्रदेश सरकार में स्वतंत्र प्रभार मंत्री कपिल देव ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रदेश के युवाओं को तकनीकी दृष्टि से उन्नत और सक्षम बनाने व प्रशिक्षण से जोड़कर उन्हें रोजगार दिलाने के लिए आज टीटीएल के साथ समझौते से राज्य में ही मंच उपलब्ध हो रहा है। एमओए के तहत टीटीएल की सहभागिता से प्रथम चरण में प्रदेश के 150 सरकारी आईटीआई का उन्नयन लगभग पूर्ण होने जा रहा हैं।
उन्होंने कहा कि इसके तहत इन आईटीआई में मूलभूत अवसंरचना, प्रयोगशाला तथा उपकरण उपलब्ध कराने के साथ ही, टीटीएल के प्रशिक्षकों एवं प्राविधिक शिक्षा के प्रशिक्षकों को नए युग के पाठ्यक्रमों के साथ जोड़ा जाएगा। प्रत्येक संस्थान में 11 नए ट्रेड व 23 शॉर्ट टर्म कोर्स शुरु किए जाएंगे। प्रत्येक आईटीआई में पढ़ाने के लिए टाटा की ओर से दो-दो प्रशिक्षक रहेंगे। इसके अलावा सभी संस्थानों के लिए टाटा की ओर से इलेक्टि्रक वाहन, कंप्यूटर, रोबोट, मशीन आदि उपकरण प्रैक्टिकल के लिए भेजे गए हैं।
मंत्री कपिल देव ने बताया कि इलेक्ट्रिक वाहन मैकेनिक, एडवांस कंप्यूटर न्यूमेरिक कंट्रोल मशीनिंग और बेसिक डिजाइन आफ वर्चुअल वेरिफिकेशन कोर्स दो- दो वर्ष के होंगे। इंडस्ट्रियल रोबोटिक्स एंड डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग, आर्टिसन यूजिंग एडवांस टूल और मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस कंट्रोल एंड आटोमेशन कोर्स एक-एक वर्ष के होंगे। 10 वर्ष तक यह कोर्स टाटा के सहयोग से चलेंगे। उसके बाद इसको चलाने की जिम्मेदारी आईटीआई की होगी। इससे प्रतिवर्ष 35 हजार युवाओं को प्रशिक्षित करते हुए उन्हें टीटीएल से जुड़ी सहभागी कम्पनियों में ‘ऑन जॉब ट्रेनिंग तथा अप्रेटिंसशिप स्कीम’ से जोड़ा जाएगा।
‘‘हर हाथ को काम, आज उत्तर प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। आज का उत्तर प्रदेश नये भारत का एक नया उत्तर प्रदेश है जहां हर क्षेत्र में सफलता के नित नये प्रतिमान स्थापित हो रहे हैं। विकास के नये मॉडल दिए जा रहे हैं।”
ज्ञातव्य है कि टाटा समूह की सहभागिता से क्रियान्वित की जाने वाली इस परियोजना की कुल लागत लगभग 5,472 करोड़ रुपये है. इसमें राज्य सरकार का अंश 1,190 करोड़ रुपये तथा टीटीएल का अंश 4,282 करोड़ रुपये अनुमानित हैं।