नगर निगम ने प्लास्टिक केनों का विकल्प किया तैयार- महिला स्वयं सहायता समूह के साँथ मिलकर कांच,स्टील और बांस की बोतल तैयार कर बेचने की बनाई रणनीति- घाटो पर लगाये जायेंगे स्टॉल

नगर निगम ने प्लास्टिक केनों का विकल्प किया तैयार- महिला स्वयं सहायता समूह के साँथ मिलकर कांच,स्टील और बांस की बोतल तैयार कर बेचने की बनाई रणनीति- घाटो पर लगाये जायेंगे स्टॉल

Spread the love

रिपोर्ट- हरिद्वार ब्यूरो
हरिद्वार-(उत्तराखंड)- हरिद्वार में विश्व प्रसिद्ध हरकी पौड़ी पर एनजीटी की तरफ से प्लास्टिक की केन और सिंगल यूज प्लास्टिक की बिक्री पर रोक लगाई गई है बावजूद इसके हरकी पौड़ी पर धड़ल्ले से प्लास्टिक केन बेची जा रही है और बाहर से आने वाले श्रद्धालु भी इन प्लास्टिक केनों में भरकर पवित्र गंगाजल ले जाते हैं।
इन्ही तमाम दिक्कतों को देखते हुवे हरिद्वार नगर निगम ने प्लास्टिक केन का विकल्प तैयार करने को लेकर योजना बनाई है।

हरिद्वार नगर निगम ने हरकी पौड़ी और दूसरे गंगा घाटों पर प्लास्टिक केन का इस्तेमाल बंद करने के लिए महिला स्वयं सहायता समूह के साथ मिलकर प्लास्टिक केन का विकल्प तैयार किया है जिसमें महिलाओं के समूह कांच, स्टील और बांस की बोतल तैयार करके हरकी पौड़ी पर बेचेंगे इससे एक तरफ महिलाओं को रोजगार मिलेगा वहीं दूसरी ओर श्रद्धालु प्लास्टिक केन का इस्तेमाल करने से भी परहेज करेंगे।
हालांकि समय-समय पर अधिकारियों की टीम प्लास्टिक केन और प्लास्टिक की चटाई बेचने वालों पर चालान की कार्रवाई करती है लेकिन प्रशासनिक कार्यवाही नाकाफी साबित हो रही है प्लास्टिक की रोकथाम को लेकर निगम ये प्रयोग करने जा रहा है।

अधिकारियों के मुताबिक जल्द ही महिलाओं के समूह के साथ मिलकर इन उत्पादों की बिक्री शुरू कर दी जाएगी और मांग बढ़ने के साथ इनका उत्पादन भी बढ़ाया जाएगा उम्मीद है कि लोग जागरूक होकर प्लास्टिक केन के बदले इन वस्तुओं का इस्तेमाल पवित्र गंगाजल ले जाने के लिए करेंगे।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी के साफ आदेश है कि हरकी पौड़ी पर प्लास्टिक की केन और चटाई नहीं बेची जाएगी प्रशासन आज तक एनजीटी के आदेशों को धरातल पर नहीं उतार सका है।
नगर निगम कि ये योजना अगर सही ढंग से लागू हुई तो गंगा घाटों पर प्लास्टिक से होने वाली गंदगी जरूर कम हो जाएगी और गंगा जी जल भी प्रदूषित नहीं होगा।

उत्तराखंड