रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- देश का भविष्य कहे जाने वाले बच्चों में देश प्रेम की कम होती भावना और रिश्तों की कमजोर होती डोर को देखते हुए अब उत्तराखंड के सभी शिक्षण संस्थानों में भारत माता और सरस्वती माता की प्रतिमा लगाई जाएगी ये आदेश उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ गीता खन्ना की तरफ से जारी किए गए हैं। इसके अलावा बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष की तरफ से राष्ट्रगान,वंदेमातरम और हिंदी भाषा अनिवार्य करने का आदेश भी दिया गया है।
अध्यक्ष डॉ गीता खन्ना का कहना है कि तमाम स्कूलों में राष्ट्रगान नहीं करवाया जाता है और हिंदी बोलने पर आर्थिक दंड लगाया जाता है जिसका असर बच्चों पर गलत पड़ता है इसके साथ ही देश के वो हीरो जिन्होंने देश की आजादी में भूमिका निभाई उनकी जीवनी पर चर्चा होनी चाहिए तभी बच्चों के भीतर देश प्रेम बढ़ेगा।
उत्तराखंड के शिक्षण संस्थानों में भारत माता और मां सरस्वती की प्रतिमा लगाने के साँथ ही देश के सभी महापुरुषों की जयंती मनाने की सिफारिश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने की है आयोग ने इस बाबत एक पत्र भी जारी किया है। आयोग की अध्यक्ष गीता खन्ना ने बताया की स्कूल मदरसे और अन्य शिक्षण संस्थानों में मां सरस्वती और भारत माता की प्रतिमा को लगाए जाने की सिफारिश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने की है।
अध्यक्ष डॉ गीता खन्ना ने कहा कि बच्चों के चरित्र निर्माण के लिए भारत माता और सरस्वती माँ की प्रतिमा शिक्षण संस्थानों में स्थापित करना बेहद जरूरी है उन्होंने कहा शिक्षा देने वाले विद्यालय मंदिर के समान है जहाँ विद्या पढ़ाई जाती है यहां पर भारत माता व सरस्वती मां की प्रतिमा स्थापित होनी चाहिए ताकि रोज बच्चे उनको नमन करेंगे।जिसका एक सकारात्मक परिवर्तन बच्चो में मिलेगा उन्होंने कहा कि चाहे जहाँ भी बच्चों को शिक्षा दी जाती है फिर चाहे उसमें मदरसे,सरकारी स्कूल संस्कृत विद्यालय हो सभी संस्थानों में भारत माता और सरस्वती माता की प्रतिमा लगानी चाहिए।इसमे किसी को आपत्ति होनी नही चाहिए यह एक अच्छा परिवर्तन है जिससे शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चो में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेगा।