अपने गौरवशाली इतिहास को समेटे अतीत की स्मृतियों में ही शेष रह जायेगा शहीद मेजर राजेश अधिकारी इंटर कॉलेज- बलियानाले के उपचार की भेंट चढ़ जायेगा जीआईसी- लगातार हो रहे भूस्खलन के बाद डेंजर जोन में चिन्हित है विद्यालय

अपने गौरवशाली इतिहास को समेटे अतीत की स्मृतियों में ही शेष रह जायेगा शहीद मेजर राजेश अधिकारी इंटर कॉलेज- बलियानाले के उपचार की भेंट चढ़ जायेगा जीआईसी- लगातार हो रहे भूस्खलन के बाद डेंजर जोन में चिन्हित है विद्यालय

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- नैनीताल शहर के लिये दाग बन चुके बलियानाले के स्थाई उपचार की उम्मीदें भले ही जगने लगी हों लेकिन किस कीमत पर? शायद इसके स्थाई समाधान की राह में बहुत कुछ कुर्बान होने जा रहा है।
बलियानाले की राह में सबसे पहले फना होने जा रहा है अपने गौरवशाली इतिहास को समेटे शहीद मेजर राजेश अधिकारी इंटर कॉलेज।
तकरीबन 200 करोड़ से अधिक राशि से किये जाने वाले बलियानाले ट्रीटमेंट में इसके ठीक ऊपर बने शहीद मेजर राजेश अधिकारी इंटर कॉलेज बलियानाले रुपी सुरसा के मुंह में समाने जा रहा है।
इस कॉलेज को ध्वस्त कर इस जगह पर वीरभट्टी-कृष्णापुर जाने वाले नए मार्ग का निर्माण किया जायेगा।
इस विद्यालय के छात्रों को सीआरएसटी या जीजीआईसी में शिफ्ट किये जाने की योजना बनाई जा रही है जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल के मुताबिक इस संबंध में शिक्षा विभाग के अधिकारियों से वार्ता हो चुकी है।
हालाकि स्कूल के प्रधानाचार्य राजेन्द्र सिंह अधिकारी की मंशा है कि स्कूल परिसर के इंटर ब्लॉक में स्कूल संचालित हो सकता है क्योंकि यह काफी बड़े एरिया में फैला है और सुरक्षित है।
आपको बता दें कि वर्तमान शहीद मेजर राजेश अधिकारी राजकीय इंटर कॉलेज नैनीताल की स्थापना का श्रेय शिक्षा प्रेमी बाबू कृष्टोदास एवं वाचस्पति पंत को जाता है जिन्होंने 1899 में अयारपाटा में डायमंड जुबली नाम से विद्यालय की स्थापना की 1910 में डायमंड जुबली विद्यालय का उच्चीकरण एवं राजकीयकरण हुआ।

1924 में विद्यालय अयारपाटा से वर्तमान राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में स्थानान्तरित हुआ वर्ष 1946 में विद्यालय का उच्चीकरण हुआ 1946 से 1953 तक कक्षा 6 से 8 तक की कक्षाएं राजकीय बालिका इंटर कॉलेज भवन में तथा 9 से 12वीं तक की कक्षाएं डीएसबी कॉलेज में संचालित हुई।
1953 में बालक-बालिकाओं के लिये पृथक पृथक विद्यालयों की आवश्यकता को देखते हुवे बालकों की दसवीं तक की कक्षाएं गोरखा लाइन(वर्तमान परिसर) में तथा इंटर की कक्षाएं डीएसबी परिसर में संचालित की गई।
इतने उतार चढ़ावों के बाद वर्ष 1976 में इंटर की कक्षाएं भी वर्तमान परिसर में स्थानान्तरित हुई तब से अब तक राजकीय इंटर कॉलेज नैनीताल नियमित रुप से अपने वर्तमान स्थल पर संचालित होता रहा है।
वर्ष 1980 में विद्यालय के वर्तमान भवनों का निर्माण कार्य पूरा हुआ।
5 नवम्बर 2008 में कारगिल युद्ध में शहीद महावीर चक्र से सम्मानित इसी विद्यालय के पूर्व छात्र मेजर राजेश अधिकारी के सम्मान में इसका नाम शहीद मेजर राजेश अधिकारी इंटर कॉलेज रख दिया गया।
स्थापना से लेकर अब तक विद्यालय का गौरवशाली इतिहास रहा है यहाँ से अध्ययन प्राप्त छात्रों में समाज के हर क्षेत्र में अपनी धमक और चमक बिखेरी है शिक्षा,स्वास्थ्य,राजनीति,रक्षा,पर्यटन,प्रशासन हर क्षेत्र में यहाँ के विद्यार्थी चयनित होते रहे हैं।

यहाँ के पूर्व छात्रों में पूर्व नौ सेना अध्यक्ष एडमिरल डी के जोशी,आई आर एस कौशल श्रीवास्तव,आई ए एस तारकेन्द्र वैष्णव,सेवानिवृत्त आई आर एस कमलेश अरगल,हल्द्वानी नगर निगम मेयर डॉ जोगेंद्र रौतेला ऐसे बहुत से नाम हैं जिन्होंने हर क्षेत्र में विद्यालय का नाम रोशन किया है।
इस समय विद्यालय में 129 छात्र अध्ययनरत हैं कुल 17 शिक्षक हैं स्थापना से अब तक वक्त के कई थपेड़े झेलने के बाद भी विद्यालय में न जाने कितनों के सुनहरे भविष्य बुने गए जो अब बलियानाले के ट्रीटमेंट में शहीद होने जा रहा है ये विद्यालय अब मात्र अतीत की स्मृतियों में ही शेष रह जायेगा।

उत्तराखंड