आबादी में तेंदुवे- कहाँ जायें सरकार

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- यहाँ शाम ढलते ही लोग घरों में दुबक जाते है दहशत ऐसी कि दिन के उजाले में भी लोग ख़ौफजदा हो जाते है क्या इंसान क्या मवेशी ख़ौफ की दास्तान आप इनके चेहरों पर पड़ सकते है।


हम आपको कोई हॉरर स्टोरी(डरावनी कहानी) नही सुना रहे इन दिनों नैनीताल से महज 5 किलोमीटर दूर चारखेत के ग्रामीण इसी दहशत में जी रहे है।

यहाँ तेंदुओं का आतंक दिन प्रतिदिन बड़ता जा रहा है अब तक दर्जनों मवेशियों व कुत्तो को अपना शिकार बना चुके तेंदुओं के आतंक से अब यहाँ के लोगों का जीवन भी खतरे में पड़ गया है।

तेंदुवे भी एक नही दो नही बल्कि चार जो शाम ढलते ही जंगल से गांव की तरफ उतर आते है ग्रामीणों के मुताबिक रात होते होते घरों की छतों पर कब्जा कर लेते है और लोग सारी रात ख़ौफ के साये में काटने को मजबूर हो जाते है


तेंदुओं के आतंक से ग्रामीणों का जीवन ठहर सा गया है न खेतों में जा सकते है ना और कही जो ड्यूटी में जाते है वो भी जब तक सही सलामत घर नही लौट आते तब तक घर वाले भय में ही रहते है।


हालाकि वन विभाग ने गांव में पिंजरा भी लगाया और तेंदुओं को पकड़ने के लिये बकरी का चारा भी डाला गया पर तेंदुआ पिंजरे में से बकरी निकालकर खा गया तब से ग्रामीण और दहशत में है ग्रामीणों की वन विभाग और सरकार से एक ही मांग है कि जल्द से इन्हें पकड़कर इनकी दहशत से मुक्ति दिलाये आखिर गांव में तेंदुवे रहेंगे तो ग्रामीण कहाँ जायेंगे।।।।