आयुष को नये आयाम देती “मिनी रत्न”- कोविड़ के दौरान उपलब्ध करा रही “आयुर्वेद” कवच

आयुष को नये आयाम देती “मिनी रत्न”- कोविड़ के दौरान उपलब्ध करा रही “आयुर्वेद” कवच

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- अनादि है,अनंत है आयुर्वेद स्व “तंत्र” है और इसी आयुष को नये आयाम दे रही है “मिनी रत्न” यानि इंडियन मेडिसिन्स फार्मास्यूटिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड।

रामनगर-रानीखेत रोड पर मोहान में स्थित भारत सरकार का ये उपक्रम 45 एकड़ क्षेत्रफल में फैला है कॉर्बेट के घने जंगलों से सटा ये क्षेत्र प्रकृति की रमणीयता से भरा है।

इसकी स्थापना जुलाई 1978 में हुई इसमें आयुष औषधियों का उत्पादन किया जाता है जिसको केंद्र सरकार की ही विभिन्न संस्थाओं व राज्य सरकारों द्वारा क्रय किया जाता है।
यहाँ तैयार औषधियों की उच्च गुणवत्ता के कारण ही विभिन्न संस्थाएं बिना टेंडर के ही इनकी खरीद कर लेती है क्योंकि यहाँ उत्पादित औषधियों का मूल्य निर्धारण भी केंद्र सरकार की संबंधित संस्था द्वारा किया जाता है।
यहाँ पर वर्तमान में कुल 111 नियमित व 15 संविदा कर्मचारी कार्यरत है जो विभिन्न आयुष व यूनानी औषधियों के उत्पादन में योगदान दे रहे है।
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एक वक्त था जब आयुर्वेद हमारे समाज,परंपरा और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा था जिससे हम धीरे-धीरे दूर होते चले गये पर कोविड़ महामारी ने एक बार हमें फिर आयुर्वेद की शक्तियों का अहसास कराया है और “मिनी रत्न” ने भी कोविड़ के दौरान आयुष क्वाथ और वटी के जरिये आयुर्वेद कवच उपलब्ध करा रही है।

यहाँ पर सालाना उत्पादन करीब 100 करोड़ से अधिक होता है इस वर्ष इसमें 50 फीसदी इजाफा हुआ है इसका एकमात्र कारण कंपनी की विश्वसनीयता व उच्च गुणवत्ता युक्त औषधियों का उत्पादन है।
“मिनी रत्न” में इस समय 250 किश्म की आयुर्वेदिक व 150 किश्म की यूनानी औषधियाँ बन रही है।
आयुर्वेद को नये आयाम दे रही मोहान की मिनी रत्न हमारा गर्व है।
आयुर्वेद की पहचान है ऐसी।
गुण से भरे गुणवान की जैसी।।

उत्तराखंड