आर्थिक आजादी- स्वाद के साथ कमाई भी

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- बरषात का मौसम हो रिमझिम फुहारों के साथ तन को गुदगुदाने वाली हवायें और बारिष में निखरी प्रकृति की बेशुमार खूबसूरती इस सफर में अगर चटपटी चटनी के साथ भुट्टो का स्वाद मिल जाये तो क्या कहना।


आज हम आपको मिला रहे है भुट्टे वाले भट्ट जी से यूं तो आपने कई बार भुट्टे खाये होंगे लेकिन अगर आप एक बार भट्ट जी के भुट्टे खा लेंगे तो यकीन मानिये इनका स्वाद आपको बार बार यहाँ खींच लायेगा।

नैनीताल-हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग पर चलती है स्वाद की ये दुकान।
भट्ट जी के परिवार में 8 सदस्य है पहाड़ों में खेती किसानी से इतनी कमाई नही होती थी

कि परिवार पाला जा सके ऐसे में भट्ट जी ने आर्थिक आजादी की सोच को मूर्त किया और उन्होंने 15 अगस्त 1988 में अपनी सोच को आकार दिया और लोगों को भुट्टे भूनकर खिलाना शुरु कर दिया जब सकारात्मक परिणाम आने लगे तो भट्ट जी ने भुट्टों के साथ स्पेशल चटनी परोसना शुरु कर दिया भुट्टों और चटनी का ये मेल लोगों को इतना पसंद आया कि लोग भट्ट जी के भुट्टों के मुरीद हो गये पिछले 32 वर्षो से भट्ट जी के भुट्टों का स्वाद हर जुंबा तक पहुंच रहा है

अब तो लोग उन्हें भुट्टे वाले भट्ट जी के नाम से ही जानते है आज भट्ट जी के पूरे परिवार की आजीविका यहाँ से चलती है

और उनसे प्रेरित होकर कई लोग इस रोजगार से जुड़कर अपना परिवार पाल रहे है।

अगर आप भी नैनीताल आने का मन बना रहे है तो एक बार भट्ट जी के लजीज भुट्टों का स्वाद लेना ना भूलें यकीन मानिये अगर एक बार ये स्वाद आपने चख लिया तो अगली बार खुद ब खुद इसका स्वाद आपको ब्रेक लगाने पर मजबूर कर देगा।