उत्तराखंड में वनाग्नि को लेकर हाईकोर्ट ने पारित किये अहम आदेश- एनजीटी की गाइड लाइन को 6 माह के भीतर लागू करने के निर्देश

उत्तराखंड में वनाग्नि को लेकर हाईकोर्ट ने पारित किये अहम आदेश- एनजीटी की गाइड लाइन को 6 माह के भीतर लागू करने के निर्देश

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- उत्तराखंड में धधकते जंगलों पर स्वतः संज्ञान लेते हुवे नैनीताल हाईकोर्ट ने आज प्रमुख वन संरक्षक को इस मामले में व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में तलब किया कोर्ट में सुनवाई के दौरान ये बात सामने आई कि निचले स्तर पर स्टाफ की कमी होने से ऐसी घटनाएं बड़ रही है क्योंकि विभाग में अभी 65 फीसदी फॉरेस्ट गार्ड के पद रिक्त है ऐसे में आग की घटनाओं का समय पर पता नही चल पाता।
आज हुई सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि वो 6 माह के भीतर एनजीटी(नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के 2017 में जारी गाइड लाइन को लागू करें साथ ही कोर्ट ने ये भी आदेश दिये कि सरकार फंडिंग की समस्या का समाधान करे और 6 माह के भीतर विभाग में रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रिया भी शुरू करे साथ ही कोर्ट ने कहा जंगलों की आग बुझाने के लिये कृत्रिम बारिश को लेकर सरकार राज्य की परिस्थितियों के अनुसार विचार करें।
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कोर्ट ने कहा एनजीटी की गाइड लाइन तुरंत लागू हो जिससे कि विभाग वनाग्नि से पूर्व भी ऐसी घटनाओं के लिये तैयार रहे।
आपको बता दें उत्तराखंड के पास समृद्ध वन संपदा है लेकिन जिस तेजी से वनाग्नि की घटनाएं बड़ी है उसने इस खजाने में सेंध लगा दी है राज्य गठन के बाद 20 वर्षो में आग की घटनाओं से राज्य के 44 हजार हेक्टेयर से अधिक वन संपदा खाक हो चुकी है।
इस वर्ष अभी तक के आंकड़े भी डरावने है अभी तक कुल 1300 हेक्टेयर से अधिक जंगल जल चुके है और ये आंकड़ा बड़ता ही जा रहा है कोर्ट ने इन घटनाओं का स्वतः संज्ञान लेते हुवे आज ये अहम आदेश पारित किये है।
इस कड़ी में आपको एनजीटी के 12 गाइड लाइन से कुछ अहम निर्देशों के बारे में बता रहे है—-
एनजीटी ने कहा था विभाग के पास पर्याप्त मशीनरी हो,फंडिंग की कोई कमी ना हो,वॉच टावर लगे हों, डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान जिलावार बने,वनाग्नि से निपटने के लिये बनी समितियों में ग्रामीणों को शामिल किया जाये और उन्हें प्रोत्साहन दिया जाये।
अगर हाईकोर्ट के आदेशों के अनुपालन में एनजीटी की गाइड लाइन लागू होती है तो बहुत हद तक जंगलों को आग से बचाया जा सकता है।

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