उद्यमिता का सफल प्रयोग- रामनगर का पहला स्ट्राबेरी फार्म

उद्यमिता का सफल प्रयोग- रामनगर का पहला स्ट्राबेरी फार्म

Spread the love

रिपोर्ट- रामनगर(नैनीताल)
रामनगर-(नैनीताल)- लाल-लाल स्ट्राबेरी की फसल जब तैयार होती है ऐसा लगता है मानो बहार आ गई हो खेत खलिहान भी अपने इस अद्भुत सौन्दर्य पर इतरा उठते है।
आम तौर पर स्ट्राबेरी ठंडी जगहों पर होती है लेकिन अब मैदानी क्षेत्रों में भी इसकी खेती की जाने लगी है।

यदि मेहनत और वैज्ञानिक विधि के साथ स्ट्राबेरी की खेती की जाये तो यह कितनी फायदेमंद साबित हो सकती है इसका उदाहरण है रामनगर में इसका सफल प्रयोग कर चुके सचिन पाण्डे।
[banner caption_position=”bottom” theme=”default_style” height=”auto” width=”100_percent” group=”banner” count=”-1″ show_caption=”1″ show_cta_button=”1″ use_image_tag=”1″]
मूल रुप से दिल्ली निवासी सचिन पाण्डे ने 2005 में रामनगर में 2 एकड़ जमीन खरीदी जिस पर एक छोटा सा घर बनाया लॉकडाउन में सचिन यहाँ आ गये तब मन में विचार आया क्यों न यहाँ पर स्ट्राबेरी की खेती प्रयोग की जाये उन्होंने 3 बीघा जमीन में स्ट्राबेरी के करीब 10 हजार पौंधे लगाये उनकी मेहनत रंग लाई और रामनगर में उनकी सफल उद्यमिता का प्रयोग ही है कि आज उनका फार्म रामनगर का पहला स्ट्राबेरी फार्म बन गया।

सचिन बताते है कि स्ट्राबेरी की खेती के लिये मेहनत और जानकारी का होना बेहद जरूरी होता है चूंकि स्ट्राबेरी की पौंध नाजुक होती है और इसे अधिक देखभाल की जरूरत होती है लेकिन अगर पूरी देखभाल के साथ इसकी खेती की जाये तो ये कई गुना मुनाफा देती है।
स्ट्राबेरी की खेती मुनाफा तो देती ही है साथ ही औषधीय गुणों से युक्त ये फल बहुपयोगी भी होता है।

यदि सरकार की तरफ से किसान गोष्ठियों के माध्यम से स्ट्राबेरी की खेती की जानकारी दी जाये तो किसान स्ट्राबेरी की खेती कर अतिरिक्त मुनाफा कमा सकते है क्योंकि ये नगद फसल(कैश क्रॉप)है जो किसानों की आर्थिकी बदल सकती है।।।

उत्तराखंड