रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- उत्तराखंड विधानसभा द्वारा पारित कूड़ा फेंकना एवं थूकना प्रतिषेद एक्ट 2016 को नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका के जरिये चुनौती दी गई है जिस पर आज सुनवाई के बाद कोर्ट ने कई सवालों के साथ स्वास्थ्य सचिव व शहरी विकास सचिव को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में रिपोर्ट तलब की है जिसमे पूछा गया है कि जो एक्ट बनाया गया है उसका बुनियादी ढांचा क्या है?
आपको बता दें कि अधिवक्ता अभिजीत नेगी की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सरकार द्वारा पारित उक्त एक्ट को ये कहते हुवे चुनौती दी गई है कि सरकार ने 2016 में सार्वजनिक स्थानो पर कूड़ा फैंकने एवं थूकने पर कड़ाई से पालन कराने को लेकर एक्ट बनाया था और जिसमें राज्य के सभी 13 जिलों के शहरी स्थानीय निकायों को शामिल कर उनकी सीधे तौर पर जवाब देही तय की थी अफसोस की बात है कि 100 शहरी स्थानीय निकायों में से करीब 39 निकायों ने इन तीन सालों में एक भी चालान नही किया जबकि इस समय कोरोना संकट काल चल रहा है और कोरोना फैलने का एक कारण सार्वजनिक स्थानो पर थूकना या गंदगी करना हो सकता है मगर सरकार का इस ओर कोई ध्यान नही है लिहाजा सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिये तांकि एक्ट को प्रभावी कराया जा सके जिस पर सुनवाई करते हुवे कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव व शहरी विकास सचिव को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में पूरी रिपोर्ट तलब की है।