कोरोना काल में जीएसटी का खादी की बिक्री पर असर- रजाई,गद्दे व कम्बल की 25 फीसदी बिक्री हुई कम

कोरोना काल में जीएसटी का खादी की बिक्री पर असर- रजाई,गद्दे व कम्बल की 25 फीसदी बिक्री हुई कम

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- खादी जिसका नाम सुनते ही जेहन में राष्ट्रपिता की तस्वीर उभर आती है गांधी जी को खादी से बेहद लगाव था स्वतंत्र भारत में खादी रोजगार देने के मामले में कभी पहले पायदान पर थी मगर आज हालात विपरीत हो गये है।
कोरोना काल में जीएसटी ने खादी की बिक्री पर विपरीत असर डाला है एक तो कोरोना में लोगों की डांवाडोल होती आर्थिकी उस पर जीएसटी जिसका सीधा असर खादी पर पड़ा।

आमतौर पर जोड़ो में लोग खादी के रजाई,कम्बल,गद्दे और गर्म कपड़े खरीदना पसंद करते थे लेकिन इस वर्ष इनकी मांग घटी है और घटत नैनीताल जैसे शहर में देखने को मिल रही है जहाँ इनकी मांग सबसे अधिक रहती थी।
नैनीताल गांधी आश्रम के व्यवस्थापक नारायण दत्त पंत के मुताबिक खादी की 25 फीसदी बिक्री कम हुई है कारण 12 फीसदी की जीएसटी जिसके चलते खादी की बिक्री प्रभावित हुई है।
जीएसटी की वजह से लोग खादी की खरीददारी करने से कतरा रहे है जबकि जाड़ो में भारत व राज्य सरकारों द्वारा खादी में विशेष छूट दी जाती है बावजूद इसके गांधी आश्रम में लोग कम आ रहे है मगर लगातार घटती बिक्री पर ना तो केंद्र और ना ही राज्य सरकार की नजर है।

गांधी आश्रम के व्यवस्थापक बताते है कि सरकारी खरीद भी अब धीरे-धीरे कम होती जा रही है केवल नाममात्र के लिये विभाग खादी खरीद रहे है जबकि सरकारी विभागों को खादी को प्राथमिकता देने का शासनादेश भी जारी किया गया है।
ऐसे में खादी प्रेमियों की मांग है कि खादी को जीएसटी से मुक्त किया जाये जिससे कि खादी की बिक्री बड़े और रोजगार भी।।

उत्तराखंड