चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं पर हाईकोर्ट ने उठाये सवाल कहा- 21 जून तक चारधाम यात्रा को लेकर नई एसओपी जारी करने के साथ ही समस्त रिकॉर्ड कोर्ट में दाखिल करने के आदेश

चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं पर हाईकोर्ट ने उठाये सवाल कहा- 21 जून तक चारधाम यात्रा को लेकर नई एसओपी जारी करने के साथ ही समस्त रिकॉर्ड कोर्ट में दाखिल करने के आदेश

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- हाईकोर्ट ने प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था व चारधाम यात्रा को लेकर दायर जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुवे पर्यटन सचिव दलीप जावलकर द्वारा पेश किये गये शपथपत्र को लेकर नाराजगी जताते हुवे कड़ी फटकार लगाई।
कोर्ट ने कहा कि सरकार ने 22 जून तक चारधाम यात्रा पर रोक लगाई है और उसके बाद चरणबद्ध तरीके से चारधाम यात्रा शुरू होगी या नहीं यह अभी तय नहीं किया है जिस पर सरकार को स्पष्ट निर्देश जारी करने होंगे।
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि अंतिम समय पर लिये गये निर्णयों से हमेशा दुष्परिणाम झेलने पड़ते हैं और जिसका उदाहरण हरिद्वार कुंभ है।
कुंभ में भी सरकार द्वारा अंतिम समय पर अधिसूचना जारी करने से व्यवस्थाओं व कोविड़ नियमों के अनुपालन में काफी दिक्कतें आई थी।
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हाईकोर्ट ने कहा निर्णय लेना सरकार का काम है और यदि सरकार चारधाम यात्रा को चरणबद्ध तरीके से प्रारंभ करती है तो उसके लिए व्यवस्थाएं क्या होंगी,नई गाइड लाइन क्या होगी और यात्रियों के साथ ही स्थानीय लोगों के लिए स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं क्या होंगी व उनकी सुरक्षा की दृष्टि से क्या व्यवस्थाएं पर्याप्त व्यवस्थाएं होंगी लिहाजा सरकार इन तमाम बिंदुओं पर समय से निर्णय ले।
कोर्ट ने सरकार को 21 जून तक चारधाम की नई एसओपी जारी कर समस्त रिकार्ड के साथ नया शपथपत्र पेश करने के आदेश जारी किये है साथ ही पूरे मामले की अगली सुनवाई के लिये 23 जून की तिथि नियत की है।
कोर्ट ने आगामी 23 जून को मुख्य सचिव,स्वास्थ्य सचिव व पर्यटन सचिव से वीडियो कॉफ्रेन्सिंग के जरिये कोर्ट में पूरी रिपोर्ट के साथ पेश होने के भी आदेश दिये है।

उत्तराखंड