देवभूमि में भी सुरक्षित नही देवियाँ- बड़ता जा रहा है महिला अपराध का ग्राफ

देवभूमि में भी सुरक्षित नही देवियाँ- बड़ता जा रहा है महिला अपराध का ग्राफ

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- हम सब उस समाज उस सभ्यता उस संस्कृति का हिस्सा है जहाँ स्त्री को देवी का दर्जा दिया जाता है यहाँ तक कि हमारी सभ्यता में स्त्री के नाम के पीछे देवी लगाने की परम्परा रही है।
लेकिन ज्यों-ज्यों हम आधुनिकता की ओर बड़े हमारी सभ्यता,संस्कृति,परम्परायें हमारे हाथ से फिसलती रही और आज समाज में तेजी से कुविचार बड़ते जा रहे है इन बुराईयों का और आधुनिकता का सबसे बड़ा खामियाजा भुगत रही है महिलायें।

आज देवभूमि में भी देवियां सुरक्षित नही है पहाड़ों में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों का ग्राफ तेजी से बड़ रहा है।
अकेले अगर कुमाऊं रीजन की बात करें तो आंकड़े डराने वाले है 2020 में कुमाऊं में हत्या,बलात्कार,दहेज हत्या,अपहरण,छेड़छाड़ व अनैतिक देह व्यापार के 1487 मामले दर्ज हुवे ये पुलिस के आंकड़े है इसके अलावा अनगिनत मामले ऐसे भी है जो कानून की देहलीज तक पहुंचे ही नही।

2021 में भी ये रफ्तार कम नही हुई है जनवरी माह में ही हत्या,बलात्कार,दहेज हत्या,अपहरण व घरेलू उत्पीड़न के अब तक 174 मामले दर्ज हो चुके है।
इस बारे में कुमाऊं परिक्षेत्र के आईजी अजय रौतेला का कहना है कि महिला अपराधों पर नियंत्रण के लिये सभी थानों को ऐसे मामलों में त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिये गये है।
आईजी के मुताबिक आज जागरुकता बड़ी है महिलायें भी सजग हुई है लेकिन आधुनिक जीवन शैली,अवसाद और सोशल नेटवर्किंग से अपराध और बड़े है और पुलिस के लिये भी ये चुनौती है जिससे निपटने के लिये तत्काल कार्यवाही का निस्तारण के आदेश दिये गये है।

उत्तराखंड