रिपोर्ट- राजू पाण्डे
नैनीताल- विश्व प्रसिद्ध नीम करौली के भक्त दुनियाभर में है बाबा के चमत्कारिक प्रभाव की छाप ऐसी है कि दुनियाभर के श्रद्धालुओं को 15 जून का इंतजार रहता है चूंकि इस दिन कैंची धाम में प्रतिष्ठा दिवस मनाया जाता है भव्य मेला लगता है और लाखों की संख्या में श्रद्धालु नीम करौली बाबा के दर्शन करते है।
यहाँ की सबसे बड़ी खासियत है बाबा जी को लगने वाले मालपुओं का भोग।
1964 से हर वर्ष 15 जून को यहाँ प्रतिष्ठा दिवस मनाया जाता है और मालपुओं का भोग लगाया जाता है मालपुवे बनाने के लिये मथुरा और वृंदावन से विशेष कारीगर यहाँ आते है।
चूंकि इस वक्त पूरा विश्व कोरोना महामारी से लड़ रहा है जिसके चलते 15 जून को कैंची में लगने वाला मेला स्थगित हो गया और मथुरा वृंदावन से कारीगर भी नही पहुंच पाये लिहाजा 56 वर्षो में पहली बार ऐसा होगा जब बाबा जी महाराज को मालपुओं का भोग नही लग पायेगा मंदिर समिति का कहना है कि बाबा जी को सामान्य पुवो का भोग लगाया जायेगा।
इन सब मे सोचनीय प्रश्न क्या इन 56 वर्षों में हमारे यहाँ( मंदिर प्रबंधन समिति) के पास एक भी ऐसा कारीगर नही जो मालपुवे तैयार कर सके? बाबा जी के चमत्कार को मार्क जुकरवर्क,स्टीव जॉब्स के साथ ही बड़ी-बड़ी हस्तियां नमस्कार करती है ऐसे में बाबा जी का प्रिय भोग तैयार करने को हमारे यहाँ कारीगर ही नही ये सोचनीय है।
लॉकडाउन की वजह से हमें अपनी सच्चाई से रुबरु होने का मौका मिला है ऐसे में हमारी बाबा जी के भक्तों व मंदिर समिति से यही सवाल है कि क्या ये हमारी कमी नही और इस घटना से हमको सीख लेनी चाहिये और यहाँ भी कारीगरों को मालपुवे बनाने सीखने चाहिये क्योंकि सीखने में कोई हर्ज नही है जो हम 56 वर्षो में नही कर पाये वो हमें अब करना चाहिये जिससे कि बाबा जी के प्रसाद में हमें विकल्प न तलाशने पड़े।।।।