नैनीताल में “बिग डाटा एंड कंप्यूटेशनल इंटेलिजेंस” विषय पर इंटरनेशनल कांफ्रेंस- राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने वर्चुअल किया संबोधित बोले- कुशल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रणनीतियां जहाँ अनुसंधान क्षमताओं को मजबूत करती हैं वहीं इसके नैतिक उपयोग के लिए मानक भी विकसित करती हैं

नैनीताल में “बिग डाटा एंड कंप्यूटेशनल इंटेलिजेंस” विषय पर इंटरनेशनल कांफ्रेंस- राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने वर्चुअल किया संबोधित बोले- कुशल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रणनीतियां जहाँ अनुसंधान क्षमताओं को मजबूत करती हैं वहीं इसके नैतिक उपयोग के लिए मानक भी विकसित करती हैं

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- कुमाऊँ विश्वविद्यालय नैनीताल के डिपार्टमेंट ऑफ कंप्यूटर साइंस एंड एप्लीकेशन द्वारा “बिग डाटा एंड कंप्यूटेशनल इंटेलिजेंस” विषय पर आयोजित की जा रही तीन दिवसीय आई०ई०ई०ई० इंटरनेशनल कांफ्रेंस का शुभारम्भ मुख्य अतिथि के रूप में माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति ले० जनरल (सेवानिवृत) गुरमीत सिंह द्वारा वर्चुअल माध्यम से किया गया।
हाइब्रिड मोड में आयोजित हो रहे इस आयोजन में देश-विदेश से प्रतिभागी ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों माध्यमों से जुड़े हैं।
तीन दिन तक चलने वाले इंटरनेशनल कांफ्रेंस में 55 के करीब शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे।
इंटरनेशनल कांफ्रेंस का शुभारम्भ करते हुए माननीय राज्यपाल ले0 जनरल (सेवानिवृत) गुरमीत सिंह ने कहा कि इंटेलिजेंस मनुष्य में सीखने की, तर्कशक्ति की और समस्या को सुलझाने की क्षमता है और जब यही सारे काम मशीनों के समन्वय द्वारा किए जाते हैं, तो इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कहा जाता है।
कुशल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रणनीतियां जहाँ अनुसंधान क्षमताओं को मजबूत करती हैं एवं व्यवसाय अपनाने का समर्थन करती हैं वहीं इसके नैतिक उपयोग के लिए मानक भी विकसित करती हैं।
भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का क्षेत्र अभी शुरुआती दौर में है। इसके भविष्य में बहुत विकसित या फिर तेजी से बढ़ने की संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में तकनीकें विकसित होने से लोगों की जिंदगी अधिक प्रोडक्टिव और क्रिएटिव हो जाएगी।

राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती और सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने के नाते, भारत के लिए निरंतर विकास के लिए एआई की शक्ति का उपयोग करने के लिए समर्पित रूप से काम करना आवश्यक है। आज एआई एप्लिकेशन स्वास्थ्य देखभाल, रसद और परिवहन, खाद्य प्रौद्योगिकी, बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं, यात्रा, अचल संपत्ति और मनोरंजन जैसे महत्वपूर्ण उद्योगों के अभिन्न अंग हैं। सिरी, गूगल नाउ, टेस्ला मोटर, इको, रिकमंडेशन इंजन और ड्रोन आज के युग में परिभाषित कर रहे हैं कि कैसे प्रौद्योगिकी अधिक सहभागी और मानवतावादी होती जा रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नए भारत के विकास में इनोवेशन के प्रभावी एकीकरण का मार्ग प्रशस्त करेंगी।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को पारंपरिक सोच को छोड़ कर शोध कार्यों को बढ़ावा देने और समस्याओं के सस्ते और स्थानीय समाधान खोजने हेतु एक अभिनव दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। हमें प्रयास करना है कि हम अपने शोध एवं ज्ञान का उपयोग देश की सेवा के लिए कर सके। कुमाऊँ विश्वविद्यालय को इंटरनेशनल कांफ्रेंस के आयोजन पर शुभकामनायें देते हुए उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि इस कांफ्रेंस के माध्यम से हम मानव सभ्यता के भविष्य की दिशा में सार्थक योगदान देंगे साथ ही कोशिश करेंगे कि नवाचार का पूरा लाभ आम जनमानस को मिल सके।
इंटरनेशनल कांफ्रेंस के मुख्य अतिथि राज्यपाल एवम कुलाधिपति ले0 जनरल (सेवानिवृत) गुरमीत सिंह का स्वागत एवं अभिनन्दन करते हुए कुलपति कुमाऊँ विश्वविद्यालय प्रो० एन०के० जोशी ने अपने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में किये जा रहे शोध एवं नवाचार को प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था एवं आबादी में दूसरा सबसे बड़ा देश होने के कारण भारत के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का विशेष महत्व है। जहां साइंटिस्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अलग-अलग आयामों पर शोध कर रहे हैं, वहीं धीरे-धीरे यह हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में जगह बनाने लगी है। उन्होंने इस अवसर पर एम०आई०टी बोस्टन (यूएसए) में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर एडवांस्ड कोर्स करने के पश्चात विभिन्न संस्थानों में कार्य करते हुए डेवलप किये गए ए०आई० बेस्ड प्रोजेक्टों को भी शोधार्थियों के साथ साझा किया गया।
कुलपति प्रो० जोशी ने कहा कि विश्वविद्यालय भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और डेटा इंजीनियरिंग लैब की स्थापना पर भी कार्य कर रहा है, जिससे छात्रों को उभरते हुए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में शोध करने का अवसर मिल सके। उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय शीघ्र ही क्वाजुलू नेटल, वेस्टविले कैंपस साउथ अफ्रीका, सी-डेक बैंगलोर एवं नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, श्रीनगर के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डाटा एवं डाटा साइंस के क्षेत्र में एमओयू करेगा।
इंटरनेशनल कांफ्रेंस के आरंभ में कुलपति कुमाऊँ विश्वविद्यालय प्रो० एन०के० जोशी, निदेशक एन०आई०टी० उत्तराखण्ड डॉ० ललित अवस्थी, पूर्व डिप्टी डायरेक्टर जनरल एन०आई०सी० दिल्ली, क्वाजुलू नेटल, वेस्टविले कैंपस साउथ अफ्रीका के प्रो० अनेश महाराज, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सी-डेक बैंगलोर डॉ० एस० सुदरसन, संकायाध्यक्ष विज्ञान प्रो० संजय पंत एवं कुलसचिव श्री दिनेश चंद्रा द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुवात की गई। इस अवसर पर संगीत विभाग के विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती वंदना, स्वागत गीत एवं कुलगीत की मधुर प्रस्तुति दी गई। उपस्थित अतिथियों द्वारा तीन दिवसीय इंटरनेशनल कांफ्रेंस में प्रस्तुत होने वाले शोधपत्रों की सीडी एवं सौवेनियर का विमोचन भी किया गया।
उद्घाटन सत्र में निदेशक एन०आई०टी० उत्तराखण्ड डॉ० ललित अवस्थी, पूर्व डिप्टी डायरेक्टर जनरल एन०आई०सी० दिल्ली, क्वाजुलू नेटल, वेस्टविले कैंपस साउथ अफ्रीका के प्रो० अनेश महाराज, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सी-डेक बैंगलोर डॉ० एस० सुदरसन द्वारा भी उपस्थित प्राध्यापकों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों को सम्बोधित किया गया।
आई०ई०ई०ई० इंटरनेशनल कांफ्रेंस की रूपरेखा कार्यक्रम संयोजक डॉ० उमंग सैनी द्वारा प्रस्तुत की गई एवं संचालन डॉ० रविंद्र पाठक द्वारा किया गया। उद्घाटन सत्र के अंत में धन्यवाद ज्ञापन संकायाध्यक्ष विज्ञान प्रो० संजय पंत द्वारा दिया गया।

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