पर्यावरण संरक्षण में नवाचार जरूरी

पर्यावरण संरक्षण में नवाचार जरूरी

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- भारत स्काउट्स व गाइड्स उत्तराखण्ड द्वारा कोरोना काल की गाइड लाइन के तहत पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए प्रदेश में वृक्षारोपण अभियान का शुभारंभ किया गया।
इस अभियान के तहत जनपद में विभिन्न यूनिट लीडर्स व स्काउट गाइड द्वारा पुष्पीय पादपों,छोटे वृक्षों,शोभादार पादपों का अपने अपने घरों व आसपास के क्षेत्रों में रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया गया।
एक नवाचारी पहल कर नैनीताल के इन्नोवेटिव स्काउट ओपन ग्रुप के संस्थापक डा० हिमांशु पाण्डे के नेतृत्व में कब सैक्शन के संस्कार पाण्डे व फ्लाक लीडर सुमन पंत,गाइड स्मृति,संस्कृति आदि ने देव वृक्ष पदम का पौधारोपण कर वृक्षारोपण अभियान का शुभारंभ किया।

इन्नोवेटिव स्काउट ओपन ग्रुप के संस्थापक व ग्रुप लीडर डा० हिमांशु पाण्डे ने बताया कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों जैसे उत्तराखण्ड, हिमाचल और नेपाल में भी पदम के वृक्ष का विशेष धार्मिक महत्व है।
पदम का वृक्ष विष्णु स्वरूप माना जाता है स्थानीय स्तर पर पैय्यां के नाम से जाना जाता है रोजैशी कुल के इस वृक्ष का वैज्ञानिक नाम प्रूनस सैरासोइडिस है जबकि इसका अंग्रेजी नाम हिमालयन वाइल्ड चैरी या बर्ड चैरी है पतझड़ में जब वृक्ष अपने पत्ते छोड़ देते हैं तब इसके पत्ते व फूल अपने में अलग छटा बिखेरते हैं।
देव वृक्ष पदम के पत्ते, फूल, फल, लकड़ी व छाल सभी का अपना विशेष औषधीय व धार्मिक महत्व है इसीलिए प्रत्येक शुभ कार्य में पयां के पत्तों व टहनियों का प्रयोग किया जाता है।
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डा० हिमांशु पाण्डे ने सभी से अनुरोध किया कि आज आक्सीजन की आवश्यकता ने यह सिद्ध कर दिया है कि हमें पर्यावरण संरक्षण हेतु नवाचारी प्रयासों की आवश्यकता है।स्काउट गाइड के साथ जुड़कर पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान सुनिश्चित करते हुए अपने घरों में गमले जरूर लगायें।
वृक्षारोपण अभियान में आर.एस. जीना, हिमांशु पाण्डे, कमलेश सती, दीपा पाण्डे, बी.एन.उपाध्याय, गाइड स्मृति पाण्डे आदि के नेतृत्व में स्काउट गाइड द्वारा स्वस्थानों से योगदान दिया जा रहा है।

उत्तराखंड