पशुओं की प्रजनन क्षमता बड़ाने के साथ ही पोषण भी देगी चॉकलेट- आईवीआरआई बड़े पैमाने पर तैयार कर रहा है पशु चॉकलेट- रोजगार देने की भी तैयारी

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रिपोर्ट- राजू पाण्डे
नैनीताल- चॉकलेट का नाम सुनते ही क्या बच्चे क्या बड़े सबकी जुबां पर मिठास घुलने लगती है रिश्तों की नई शुरुआत हो या रूठों को मनाना चॉकलेट को चेहरों पर एक प्यारी सी मुस्कान लाने में महारथ हासिल है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि मिठास से भरपूर चॉकलेट अब पशुओं में कुपोषण भी दूर करेगी इसके लिये आईवीआरआई यानि भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान बड़े पैमाने पर पशु चॉकलेट बना रहा है ये चॉकलेट न केवल स्वाद में बल्कि गुणों में भी बेमिसाल है।


प्रोटीन और मिनरल्स से भरपूर पशु चॉकलेट पशुओं की कम होती प्रजनन क्षमता को तो दूर कर ही रही है साथ ही पशुओं को पर्याप्त मात्रा में पोषण भी दे रही है इससे दुग्ध उत्पादन क्षमता बड़ने के साथ ही उनकी ग्रोथ पर भी काफी सकारात्मक परिणाम देखे जा रहे है कुल मिलाकर ये पशुओं की संतुलित खान पान की जरूरतों को पूरा कर रही है और इसका स्वाद भी पशुओं को बेहद पसंद आ रहा है।
पशु चॉकलेट के सकारात्मक परिणामो को देखते हुवे भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान अब इसे रोजगार से जोड़ने जा रहा है इसके लिये इच्छुक किसान संस्थान से MOU कर चॉकलेट बनाने की ट्रेनिंग लेकर अपने क्षेत्र में इस काम को शुरु कर सकेंगे जिससे सीधे तौर पर कई लोग रोजगार से तो जुड़ेंगे ही साथ ही पशु पालकों को बड़ा दुग्ध उत्पादन मिलेगा और पशुओं की प्रजनन क्षमता बड़ेगी और वो हृष्ट पुष्ट रहेंगे।

भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान मुक्तेश्वर के इंचार्ज डॉ पुतान सिंह के अनुसार चारे और भूसे में बहुत से पोषक तत्वो की कमी होती है इस कमी को पूरा करने के लिये यह चॉकलेट बनाई गई है इसको बनाने में गेंहू का चोकर(चावल)खली,यूरिया, खनिज लवण,कैल्शियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम,जिंक व कॉपर आदि का प्रयोग किया जाता है एक वयस्क पशु को एक दिन में 500-600 ग्राम चॉकलेट की जरूरत होती है इससे पशुओं में चारे और भूसे की कमी से होने वाली अतिरिक्त पोषण की जरूरत पूरी हो जाती है जो उनके शारीरिक सौष्ठव के साथ ही उनकी प्रजनन क्षमता को भी बड़ाती है।
भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान की इस मुहिम के साथ यदि यहा के पशुपालक जुड़ते है तो वो दिन दूर नही जब यहा फिर से दूध की गंगा बहेगी।।।।