पशु प्रेम- बेसहारों का सहारा

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- “तुम बेसहारा हो तो किसी का सहारा बनो” फिल्म अनुरोध का ये मर्मस्पर्शी गीत नैनीताल के राजेन्द्र व्यास पर सटीक बैठता है।
जानवरो के प्रति इनका प्यार निस्वार्थ है तभी तो जो आवारा कुत्ते हमारे लिये आतंक का पर्याय है उन्ही आवारा कुत्तों के लिये उनके मसीहा है राजेन्द्र व्यास।


जैसे ही कुत्तो का झुंड उन्हें देखता है दुम हिलाते हुवे छोटे बच्चो की भाँति लोट पोट होकर अपना प्यार दिखाते है शहर का कोई नुक्कड़ हो कोई चौराहा हो हर जगह राजेन्द्र व्यास झोला टाँके आपको कुत्तो की टोली के साथ दिख जायेंगे आप सोच रहे होंगे खूंखार कुत्ते उनके दोस्त कैसे है इन दोनों को जो रिश्ता जोड़े है वो है निस्वार्थ प्रेम।
दरअसल राजेन्द्र व्यास पिछले 20 वर्षो से लगातार आवारा,निराश्रित कुत्तो को खाना खिलाते है ये उनके नित्यकर्मों में शामिल है जब शहर के लोग मॉर्निंग वाक पर निकलते है उस समय राजेन्द्र व्यास कंधे में बिस्किट्स से भरा झोला टांककर निकल पड़ते है अपने मिशन पर।
हर नुक्कड़ चौराहों पर कुत्ते उनका इंतजार करते है राजेन्द्र व्यास बताते है एक दिन में 100 पैकेट से ज्यादा बिस्किट वो इनको खिलाते है।

राजेन्द्र ने कभी फेम की चाह नही रखी तभी तो 20 वर्षो से मूक सेवा कर रहे राजेन्द्र व्यास पर किसी की नजर नही पड़ी।
ढिंढोरा पीट समाज सेवा करने वाले तो सबको नजर आते है पर ऐसे मूक सेवक को हम सलाम करते है।