पहाड़ मे रेल- 16 सुरंग और 16 पुलों के मध्य छुक-छुक रेल से होंगे चारो धामो के दर्शन

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रिपोर्ट- कृष्णा डोभाल
ऋषिकेश- पहाड़ पर रेल का सपना आखिर सच होने जा रहा है. उत्तराखंड के तीर्थो को रेलवे लाइन से जोड़ने को लेकर केंद्र सरकार काफी गंभीर है जिसके लिए तेज़ी से पहाड़ो पर रेल लाइन विस्तार की योजना बन रही है, 2020 नए साल में- फरवरी अंत तक योग नगरी ऋषिकेश स्टेशन अस्तित्व मे आ जाएगा, तेजी से निर्माण की तैयारी में विभाग जुट गया है और इसके लिए रेल लाइन बिछाने का काम अंतिम चरण में है और ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे लाइन के पहले स्टेशन को केदारनाथ धाम के तर्ज पर तैयार किया जा रहा है जिससे ऋषिकेश में ही तीर्थयात्री भगवान केदारनाथ के दर्शन कर पाएंगे

उत्तराखण्ड के पहाड़ों पर रेल चलना एक सपने के जैसा ही है… लेकिन ये सपना अब साकार होकर जमीन पर आकार लेने लगा है..इस सपने को लेकर रेल मंत्रालय कसरत में जुट गया है जिसके लिए उत्तराखंड के तीर्थो को रेलवे से जोड़ना पहली प्रथमिकता है जिसके लिए प्रथम चरण का कार्य जमीन अधिग्रहण और सर्वे पूरा हो चुका है इस प्रोजेक्ट के अन्तर्गत १२ स्टेशनों सहित १६ सुरंगों और पुलों का निर्माण किया जाएगा।ऋषिकेश में पहला स्टेशन न्यू ऋषिकेश के नाम से बनने जा रहा है जिसके लिए विभाग ने वन विभाग से हस्तांतरित भूमि में निर्माण कार्य शुरू कर दिया है और चंद्रभागा नदी में ब्रिज निर्माण की प्रक्रिया को शुरू हो गई है, और काम बड़ी तेजी के साथ पूरा हो रहा है. ऋषिकेश-कर्णप्रयाग के प्रोजेक्ट मैनेजर ओ पी मालगुड़ी ने बताया की काम तेजी के साथ हो रहा है. ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 175 किलोमीटर का सफर बाई रोड है जो रेल मार्ग से 125 किलोमीटर तय होगा और ये सफर 105 किलोमीटर टनल से होगा .

प्रथम चरण का कार्य पूरा हो चूका है और बाकी की तैयारियों में भी विभाग लगा हुआ है मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट का की ये सपना 2024 तक पूरा हो सकता है. उनकी पहली प्राथमिकता नए साल 2020 में न्यू ऋषिकेश स्टेशन योग नगरी ऋषिकेश का का कार्य पूरा करना है इस पर काम तेजी के साथ हो रहा है फरवरी अंत तक योग नगरी स्टेशन बनकर तैयार हो जाएगा