राज्य के स्कूलों को हाईकोर्ट की दो टूक कहा- फीस को लेकर मेल या व्हाट्सअप पर ना करे संपर्क

Spread the love

रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- कोरोना संकट काल में अभिभावकों को नैनीताल हाईकोर्ट की तरफ से आंशिक राहत देते हुवे सभी निजी व सरकारी स्कूलों को सख्त निर्देश जारी करते हुवे मेल या व्हाट्सअप के जरिये फीस को लेकर किसी भी तरह का कोई संदेश भेजने पर रोक लगाने को कहा है साथ ही कोर्ट ने कहा कि अगर कोई भी स्कूल कोरोना संकट काल मे अभिभावकों को फीस के संदर्भ में संदेश भेजता है तो वो न्यायोचित नही होगा लिहाजा सरकार को इस पूरे मामले में जिला शिक्षा अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त करने के भी आदेश दिये है तांकि जिस किसी भी अभिभावक को दिक्कत हो तो वो उसकी समस्या का समाधान करे।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि केवल वो स्कूल फीस लेने के हकदार होंगे जो इस वक्त बच्चो को On Line पढ़ा रहे है बांकि स्कूल फीस नही लेंगे इस पूरे मामले की सुनवाई व सरकार को अपना पक्ष रखने के लिये कोर्ट ने 2 सप्ताह बाद की तिथि तय की है।
आपको बता दें कि देहरादून निवासी अधिवक्ता आकाश यादव की तरफ से नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर कहा था कि कोरोना वायरस के चलते कई अभिभावक ऐसे है जो बच्चो की फीस जमा नही कर सकते है लेकिन उनको स्कूल की तरफ से मैसेज आ रहे है साथ ही ये भी कहा था कि कुछ स्कूल मासिक फीस के नाम पर कई तरह के शुल्क लगाये जा रहे है जो कि गलत है लिहाजा स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाई जाये जिस पर आज हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद आंशिक राहत देते हुवे स्कूलो को फीस संबंधी मामले में अनावश्यक दवाब ना बनाने के आदेश जारी किये है।