रिपोर्ट- टिहरी ब्यूरो
टिहरी-(उत्तराखंड)- करोड़ों हिंदुओं के आस्था का प्रतीक व धरती पर बैकुंठ कहे जाने वाले बद्रीनाथ धाम में स्थित भगवान बद्रीविशाल के महाभिषेक के लिए नरेंद्रनगर स्थित राज दरबार में नगर की सुहागिन महिलाओं के द्वारा पीला वस्त्र धारण कर टिहरी की सांसद व महारानी राज लक्ष्मी शाह की अगुवाई में तिलों का तेल पिरोया गया।
मूसल व सिलबट्टे से पिरोया गया यह तिलों का तेल एक खास बर्तन में विशेष जड़ी-बूटी डालकर आंच में पकाया गया ताकि तेल में पानी की मात्रा न रहे।
तेल पिरोने के बाद आंँच में पका कर विशुद्ध तेल को चांदी के गाडू घड़ा तेल कलश में पूजा अर्चना और मंत्रोच्चार के साथ भरा गया।
गाडू घड़ा तेल कलश डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत प्रतिनिधियों को सौंपा गया जो तेल कलश यात्रा के साथ 17 मई को बद्रीनाथ धाम पहुंचेंगे।
18 मई को ब्रह्म मुहूर्त में 4:15 पर भगवान बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।
आपको बता दें कि परंपरा के अनुसार हर वर्ष बसंत पंचमी के पावन पर्व पर टिहरी के महाराजा की जन्म कुंडली और ग्रह नक्षत्रों की गणना करके तेल पिरोने और बद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि और समय निर्धारित किया जाता है।
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तेल पिरोने और बद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि व समय विगत 16 फरवरी को नरेंद्रनगर स्थित राज दरबार में महाराजा मनुजेंद्र शाह की कुंडली और ग्रह नक्षत्रों की गणना करके तीर्थ पुरोहित संपूर्णानंद जोशी और आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल द्वारा निकाली गई थी।
प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना के चलते चारधाम यात्रा स्थगित करने की घोषणा का डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के अध्यक्ष पंकज डिमरी ने स्वागत किया है।
गाडू घडा़ कलश यात्रा के लिए डिमर धार्मिक केंद्रीय पंचायत के पंकज डिमरी,नरेश डिमरी,ज्योतिष डिमरी,अंकित डिमरी व अनू डिमरी नरेंद्रनगर राजदरबार पहुंचे थे।