रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- विवादित भूमि को सरकारी मिलीभगत से अपने नाम करवाने के मामले में परमार्थ निकेतन स्वर्ग आश्रम के धर्म गुरु स्वामी चिदानंद मुनि महाराज को नैनीताल हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है साथ ही कोर्ट ने पूरे मामले में राज्य सरकार को भी नोटिस जारी कर पूरी रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किये है और मामले की अग्रिम सुनवाई के लिये 3 सप्ताह बाद की तिथि नियत की है।
आपको बता दें कि 1945 में बाबा सुखदेवानंद पौड़ी जिले के जॉक स्वर्ग आश्रम में आकर बस गये थे बाद में उन्होंने सरकारी जमीन पर भक्तों के ठहरने के लिये कमरे बनाये जिसको आश्रम का रुप दिया गया 1960 में बाबा को भूमिधरी का अधिकार मिल गया और 1962 में एक ट्रस्ट बनाया गया और सरकारी जमीन पर किसी को भी वारिस नामित नही किया गया 1965 में बाबा का देहांत हो गया और करीब 1.75 हेक्टेयर जमीन आश्रम के पास ही रही जबकि जमीदारी उन्मूलन अधिनियम की धारा 181(A) के तहत बिना वारिस के जमीन सरकार के कब्जे में होनी चाहिये मगर 2009 में उक्त विवादित जमीन को सरकारी तंत्र की मिलीभगत से स्वामी चिदानंद मुनि महाराज द्वारा अपने नाम करा कर उसमे व्यवसायिक गतिविधियों को शुरू किया गया इसी पूरे मामले की जांच व सरकारी जमीन को सरकार के सुपुर्द करवाने की मांग को लेकर हरिद्वार निवासी विपिन कुमार शुक्ला की तरफ से नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई उक्त याचिका को स्वीकार कर कोर्ट ने आज स्वामी चिदानंद मुनि सहित राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है और मामले की सुनवाई के लिये 3 सप्ताह बाद की तिथि तय की है।