रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- आने वाला 29 अप्रैल का दिन इन दिनों खासा चर्चाओं में है दरअसल 2014 के बाद एक उल्का पिंड यानि एस्टेरोइड पृथ्वी के करीब से गुजरने वाला है जो वैज्ञानिकों के साथ ही आम लोगों के लिये आकर्षण का केंद्र बना है यह पिंड गति में तेज और विशाल भी है करीब 1.2 मील चौड़ा पिंड अपने निर्धारित समय पर तेज गति से पृथ्वी की तरफ आता जा रहा है।
ये पिंड पृथ्वी से टकरायेगा या नही इस पर पिछले कुछ महीनों से सोशल मीडिया पर बहुत चर्चा हो रही है हालांकि इन सब बातों पर वैज्ञानिकों ने आश्वस्त किया है कि यह सुरक्षित फासले यानि पृथ्वी व चांद के करीब 62 लाख किलोमीटर की दूरी से गुजर जायेगा जिसका पृथ्वी पर किसी तरह का नुकसान नही होगा।
इस पूरी खगोलीय घटना को लेकर नासा के साथ ही आर्य भट्ट प्रेक्षण शोध संस्थान यानि एरीज के वैज्ञानिकों की भी उत्सुकता बढ़ गई है एरीज के वरिष्ठ खगोलशास्त्री डॉक्टर शशिभूषण पाण्डे के मुताबिक 24 जुलाई 1998 को एस्टेरोइड को एड्र्स किया गया था तब इसका नाम OR2 रखा गया था तब से ही इसकी दिशा व दशा पर नजर रखी जा रही है और हवाई द्वीप समूह की एक वेधशाला में इसका गहनता पूर्वक अध्ययन भी किया जा रहा है।