74 साल बाद पहली बार नही हुआ जश्ने फुटबॉल- खचाखच भरे रहने वाले नैनीताल के डीएसए मैदान में छाई वीरानी

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- आज पूरे देश मे 74वां स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया गया हालांकि वैश्विक महामारी कोरोना का असर भी दिखाई दिया।
बात अगर नैनीताल की करें तो यहाँ कोरोना का असर साफ दिखा जहाँ 15 अगस्त के दिन सुबह 7 बजे से ही बच्चे हाथों में तिरंगा लेकर शहर भर में प्रभात फेरी निकालते थे वही स्कूल बंद होने के कारण इस वर्ष शहर ने बच्चों के हर्षोल्लास के क्षणों को बहुत याद किया।
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कोरोना का सबसे बड़ा असर पड़ा सीआरएसटी ओल्ड बॉयज एसोसिएशन द्वारा आयोजित होने वाले एचएन पाण्डे मेमोरियल इंडिपेंडेंस डे चिल्ड्रन फुटबॉल टूर्नामेंट पर 74 वर्षो बाद पहली बार इस वर्ष जश्ने फुटबॉल नही हुआ खचाखच भरे रहने वाले डीएसए मैदान ने आजादी के बाद पहली बार ऐसी वीरानी देखी।

आपको बता दें कि आजादी से पहले नैनीताल अंग्रेजो की ग्रीष्मकालीन राजधानी हुआ करता था तो इस शहर ने और यहाँ रहने वालों ने गुलामी की त्रासदी को काफी नजदीक से देखा है और जब लाखों देशवासियों के बलिदान के बाद 1947 में देश आजाद हुआ तो नैनीताल के डीएसए मैदान में सीआरएसटी और जीआईसी के बीच हर्षोल्लास में जश्ने आजादी की खुशी में फुटबॉल मैच खेला गया आजाद फिजाओं में पहली बार खेले गये इस मैच के हजारों दर्शक गवाह बने तब से लगातार 15 अगस्त के दिन यहाँ पर बच्चों के लिये स्वतंत्रता दिवस पर फुटबॉल प्रतियोगिता आयोजित की जाती रही है जिसमें शहर भर के स्कूलों की टीमें प्रतिभाग करती थी डीएसए मैदान खचाखच भरा रहता था।

लेकिन इस वर्ष कोरोना के चलते 1947 के बाद पहली बार ये प्रतियोगिता नही हुई बच्चों के शोर से गुंजित रहने वाले और आजादी के तरानों के बीच फुटबॉल का आनंद लेने वाले दर्शकों की कमी को शहर ने महसूस किया।
एक आजादी से पहले का दौर था जब हमें इस मैदान में खेलने की अनुमति नही थी और एक आजादी के 73 वर्षों बाद ये दौर है जब हम जश्न मनाना चाहते है लेकिन कोरोना संकट काल के चलते हम चाहकर भी ये नही कर सके शायद ये संकेत है प्रकृति जब गुलाम बनाती है तो बड़े बड़े हार जाते है।।।