Exclusive- जिंदगी जिंदादिली का नाम- प्रकृति के करीब रहकर जाना जीवन का रहस्य

Exclusive- जिंदगी जिंदादिली का नाम- प्रकृति के करीब रहकर जाना जीवन का रहस्य

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- आज हम आपको ऐसे व्यक्तित्व से मिला रहे है जिनके पूरे जीवन के सार को ये पंक्तियां बयां करती है….
“सीढ़ियां उन्हें मुबारक हो जिन्हें छत तक जाना है।
मेरी मंजिल तो आसमान है रास्ता मुझे खुद बनाना है।।।”

हम बात कर रहे है 92 वर्षीय चकलवा निवासी हर कृष्ण लाल चड्डा की खेती किसानी को जीवन आधार मानने वाले जिन्होंने प्रकृति के करीब रहकर जीवन के रहस्य को जाना है इस उम्र में भी उनमें गजब की ऊर्जा व स्फूर्ति है आज वो कामयाबी के फलक पर है।

हर कृष्ण लाल चड्डा 1947 में पाकिस्तान से दिल्ली आये लेकिन वहाँ उनका मन नही लगा 1950 में उन्होंने नैनीताल के चकलवा में करीब 6 हजार रुपये में 50 एकड़ जमीन खरीदी उस समय वहाँ घनघोर जंगल था झाड़ियां थी उन्होंने अपनी मेहनत व पसीने से उस जगह को सींचा प्रकृति प्रेम के साथ उनमें गौ प्रेम भी था उस दौर में उन्होंने 4 दर्जन गायें पाली उनका जीवन बिल्कुल प्रकृति से जुड़ा था चड्डा अपने निरोगी काया के लिये आज प्राकृतिक जीवन शैली को ही आरोग्य मानते है।

उम्र के इस पड़ाव में जब उनके पास भौतिक संपन्नता की कोई कमी नही है तब भी उन्होंने 2 दर्जन गायें पाल रखी है उनकी दिनचर्या का अधिकांश हिस्सा गौ सेवा में बीतता है।

जिस उम्र में लोग हिल डुल नही पाते उस उम्र में वो गौ माता की सेवा कर रहे है अपने खेतों में घूम रहे है जो अपने आप में चमत्कार है जिसके लिये वो प्राकृतिक जीवन शैली को अपनाने की सलाह देते है।
पूरे इलाके के लिये प्रेरणा बन चुके हर कृष्ण लाल चड्डा युवा पीढ़ी को नशे से दूर रहने का संदेश देते है उनका मानना है जितना प्रकृति के करीब रहेंगे उतना रोगों से दूर रहेंगे,ऊर्जा से भरे रहेंगे युवा पीढ़ी के लिये उनका एक ही संदेश है…..स्वयं से नही हारोगे तो अवश्य जीतोगे।।।।

उत्तराखंड